Faridabad: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला में आयोजित एक समारोह के दौरान हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर का शिलान्यास किया. कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड़ड़ा, नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू, नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, हिमाचल प्रदेश सरकार के परिवहन, खाद्य और नागरिक आपूर्ति और तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल तथा केंद्र सरकार और हिमाचल प्रदेश के अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया.
हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की लागत 146 करोड़ रुपये है, जिसमें से 75 करोड़ रूपए का निवेश एनएचपीसी और एनटीपीसी द्वारा औद्योगिक भागीदारों के रूप में किया जा रहा है. राज्य सरकार ने इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के लिए मुहाल बन्दला तहसील सदर, जिला बिलासपुर में 62.06 बीघा जमीन दिया है. इंजीनियरिंग कॉलेज के खर्चों को चलाने के लिए एनएचपीसी और एनटीपीसी आवश्यकतानुसार 25 करोड़ रूपए तक के दूसरे अंशदान की किश्त जारी करने पर भी विचार करेंगी.
हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में जलविद्युत पर संकेन्द्रित बीटेक पाठ्यक्रम होंगे जिनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और कंप्यूटरसाइंस इंजीनियरिंग शामिल हैं. प्रत्येक पाठ्यक्रम में 60 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा. कॉलेज हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध होगा।. पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम और पीएचडी कार्यक्रम भी चौथे/छटे वर्ष से सहयोगी अनुसंधान कार्यक्रम और प्रायोजित अनुसंधान कार्यक्रम के रूप में चलाया जाएगा. कार्यक्रम में एनएचपीसी और एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक केएम सिंह और गुरदीप सिंह तथा बलराज जोशी, एनके जैन तथा एनएचपीसी व एनटीपीसी के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.