BY JIOPOST.COM
GORAKHPUR: वैसे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम सुनते ही अधिकारियों में हडकंप मच जाता है, लेकिन लग रहा है कि धीरे–धीरे अधिकारियों में योगी आदित्यनाथ का डर अब समाप्त हो रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि योगी के गढ़ में ही अधिकारी घूसखोरी और लापरवाही कर अवैध खनन करा रहें हैं.
मुख्यमंत्री बनने से पहले तक योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि रहे गोरखपुर के दक्षिणांचल में स्थित ब्लाक बेलघाट में कई जगहों पर धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है. खनन माफिया रात में बालू का खनन करके जगह-जगह बालू की डंपिंग कर रहें हैं. पुलिस के संरक्षण में अवैध खनन होने की वजह से खनन माफिया पकडे नहीं जा रहें हैं. अवैध खनन माफियाओं और पुलिस की मिलीभगत के कारण कोई व्यक्ति अवैध खनन की शिकायत भी नहीं कर रहा है.
अवैध खनन रोकने को बना मंत्री समूह पर नहीं रुक रहा अवैध खनन:
सरकार अवैध खनन रोकने के लिए तमाम जुगत लगा रही है. सरकार ने प्रदेश में अवैध खनन रोकने के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्री समूह का गठन भी किया है इस समूह में सुरेश खन्ना और दारा सिंह चौहान भी शामिल हैं. सरकार पुरानी खनन नीतियों में बदलाव कर रही फिर भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं और वो बेधड़क अपने काम को अंजाम दे रहें हैं.

ऐसे पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है अवैध खनन का खेल:
गोरखपुर के बेलघाट में रात के समय अवैध खनन कर जगह-जगह डंपिंग करा रहे माफियाओं पर कोई कार्यवाही न होने का कारण खनन माफिया और पुलिस की मिलीभगत होना है. jiopost.com को अपने सूत्रों से पता चला है कि खनन माफिया पुलिस को मोटा पैसा देतें है. एक ट्राली अवैध बालू के लिए खनन माफिया और पुलिस में तकरीबन एक हजार रुपये तक का सौदा होता है.