New Delhi: भारत के भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एफ09) ने 2230 किलोग्राम भार वाले दक्षिण एशियाई उपग्रह (जीसेट-9) का 5 मई, 2017 नियोजित भू-समकालिक हस्तांतरण कक्षा (जीटीओ) में सफल प्रक्षेपण किया.
यह जीएसएलवी का 11वां प्रक्षेपण था. यह प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र एसएचएआर के दूसरे लॉच पैड से किया गया. पूर्णत: स्वदेशी रूप से विकसित किए गए क्रायोजेनिक अपर स्टेज को वह्न करने की दिशा में जीएसएलवी द्वारा प्राप्त की गयी लगातार चौथी सफलता है. इस अंडाकार जीटीओ, दक्षिण एशियाई उपग्रह ने अब पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाना शुरू कर दिया है.
सफल प्रक्षेपण के बाद नरेन्द्र मोदी ने इसरो को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन दक्षिण एशिया के लिए ऐतिहासिक और बेमिसाल दिन है. प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि दो साल पहले भारत ने दक्षिण एशिया की जनता की प्रगति और समृद्धि के लिए उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की पहुंच उन्हें सुलभ कराने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि आशा है कि आज का प्रक्षेपण इस वादे को पूरा करने की दिशा में अहम कदम है.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसरो को दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीसैट-09 के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी.
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के प्रमुख एएस किरण कुमार को भेजे संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, “मैं दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीसैट-09 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो की पूरी टीम को तहे दिल से बधाई देता हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि इस कदम से भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच मित्रता, सहयोग बढ़ेगा व संबंध और भी मजबूत होंगे”.
कृपया मेरी तरफ से इस अभियान से जुड़ी वैज्ञानिकों की टीम, इंजीनियरों, तकनीक विशेषज्ञों और इस मिशन में शामिल अन्य सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दें. मैं कामना करता हूं कि आने वाले वर्षों में इसरो को इसी तरह से सफलताएं मिलती रहे.”