Faridabad: प्रभु की कृपा से हमको पढऩे का अवसर मिला और हम इन ऊचांईयों तक पहुँच सके. शिक्षा हर बच्चे के लिए बहुत आवश्यक है, यदि भारतवर्ष के असहाय परिवार के बच्चों को उत्तम शिक्षा नहीं मिली तो इनका कैसे उद्धार होगा चोर उचक्के बनेंगे और अपना देश बजाय उन्नति करने के निचले स्तर पर चला जायेगा.
साईधाम का लक्ष्य है कि हर बच्चे को निःशुल्क तथा उत्तम शिक्षा व पौष्टिक भोजन, शिक्षा सामग्री तथा स्वास्थ्य सुविधाऐं प्राप्त हों, इसी उद्देश्य से असहाय बच्चों की निःशुल्क शिक्षा के लिए शिरडी साई बाबा स्कूल की स्थापना की गई. यह स्कूल शिक्षा के मन्दिर के रूप में प्रतिस्थापित हुआ जहाँ पर आज 1400 से अधिक असहाय बच्चे पढ़ रहे है.
ज्यादा से ज्यादा असहाय वर्ग के बच्चों को निःशुल्क व उत्तम शिक्षा प्रदान करने हेतु संस्था ने 5 एकड़ भूमि पर पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखण्ड उत्तर-प्रदेश के जिला महोबा के निसवारा गांव में भी शिरडी साई बाबा स्कूल की स्थापना की है. जहां पर आज 600 से अधिक विद्यार्थी निःशुल्क व उत्तम शिक्षा पा रहे हैं. इस स्कूल की स्थापना से वहां के असहाय लोग ऐसे अनुभव कर रहे हैं कि वहां सूर्य उदय हो गया और जो बच्चे कभी पढऩे का सोच नहीं सकते थे आज उत्तम शिक्षा पा रहे हैं.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आत्म निर्भर बनाओ सामूहिक विवाह अपनाओ के उद्देश्य से साईधाम असहाय वर्ग की लड़कियों के लिए जाति वर्ग तथा धर्म भेदभाव न करते हुए हर साल 100 सामूहिक विवाह का आयोजन साल में चार बार करती है, जिसमें नव विवाहित जोड़ों को अपनी गृहस्थी शुरु करने के लिए जरुरी सामान देती है ताकि वह जहां भी कार्यरत हो अपना घर बसा सकें. संस्था अब तक 700 जोड़ों को वैवाहिक सूत्र में बांध चुकी है.
25 जोड़े बंधेंगे शादी के बंधन में
19 फरवरी को विभिन्न जातियों व धर्मों के युवक-युवती साईधाम में वैवाहिक बंधन में बंधेंगे. इस अवसर पर 25 जोड़ों का सामूहिक विवाह आयोजित किया जाएगा.
साईधाम फरीदाबाद के संस्थापक मोतीलाल गुप्ता एक जीवंत उदाहरण हैं कि कैसे एक अकेला व्यक्ति 82 वर्ष की आयु में भी अपने दृढ़ निश्चय समर्पण, उद्देश्य के प्रति ईमानदारी व साहस से बड़ी मात्रा में असहाय गरीबी की रेखा से नीचे के लोगों को उनके जीवन के कष्टों से उबारने का प्रयास कर रहा है. उन्ही की दें है कि साईधाम आज सभी ओर से प्रसिद्धियां बटोर रहा है.