नई दिल्ली: लॉक डाउन के कारण डगमगाई देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पैकेज की रोज जानकारी दे रही हैं. आर्थिक पैकेज के संदर्भ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लगातार चौथे दिन मीडिया से बातचीत की.
वित्त मंत्री ने एलान किया कि अब कोयला क्षेत्र में कामर्शियल माइनिंग हो सकेगी और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा. कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता कैसे बने और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इसपर काम होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि अब कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें निजी सेक्टर को भी दी जाएंगी. जानकारी दी गयी है कि अब कोई भी पार्टी कोयला ब्लॉक के लिए बोली लगा सकती है और खुले में बेच सकती है. प्रवेश मानदंडों को उदार बनाया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले से ज्यादा से ज्यादा खनन हो सकेगा और देश के उद्योगों को बल मिलेगा. 50 ऐसे नए ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे. पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी. सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए फास्ट-ट्रैक इन्वेस्टमेंट प्लान बनाया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात की है, हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए स्वयं को तैयार करना होगा और वैश्विक मूल्य श्रृंखला की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि खनिज सेक्टर में विकास के मौके हैं. निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी की जाएगी. माइनिंग लीज का ट्रांसफर भी किया जा सकेगा.
आपको यहां बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड कोयला खनन और उत्पादन का कार्य करती है. इसकी शुरुआत 1975 में हुई थी. शुरुआत के साल में यह कंपनी 79 मिलियन टन का उत्पादन करती थी, जो आज 83 खान क्षेत्रों में कार्य कर रही है और दुनिया में सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी होने के साथ सबसे बड़े कॉर्पोरेट नियोक्ताओं में से एक है.
कोल इंडिया लिमिटेड भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ है. इसका मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है. कोल इंडिया लिमिटेड कार्यशालाएं, अस्पताल और प्रशिक्षण संस्थान भी संचालित करती है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कोल मैनेजमेंट, जो कि भारत का सबसे बड़ा कॉरपोरेट प्रशिक्षण संस्थान है, इसके तहत ही संचालित होता है. महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के प्रमुख उपभोक्ता बिजली और इस्पात क्षेत्र हैं. अन्य क्षेत्रों में सीमेंट, उर्वरक, ईंट भट्टे और विभिन्न लघु उद्योग शामिल हैं. सीआईएल तरह-तरह के अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न ग्रेड के कोकिंग और गैर कोकिंग कोयले का उत्पादन करती है.