आत्ममनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा

पासवान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय में, प्रवासी मजदूर ओएनओसी योजना से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे, क्योंकि पीडीएस लाभार्थी 'वन नेशन वन कार्ड' में शामिल राज्यों या संघ शासित प्रदेशों में किसी भी समय बायोमीट्रिक सत्यापन के साथ किसी भी एफपीएस की दुकान से अपना राशन कार्ड ले सकते हैं.

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नई दिल्ली: केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कृषि भवन में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों और गरीबों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशील है और खाद्य और उपभोक्ता कार्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है कि कोई भी भूखा न रहे.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी नें पिछले दिनों 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और विस्तृशत पैकेज की घोषणा की थी. आर्थिक उपायों (आत्मर निर्भर भारत अभियान) के अंतर्गत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी कामगारों सहित गरीबों की सहायता के लिए अनेक छोटे और दीर्घकालिक उपायों की घोषणा की. इनमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और राज्य सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) कार्ड व्यवस्था में शामिल नहीं किए गए 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को मई और जून 2020, दो महीने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज और दालों का वितरण शामिल है.

केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने नई दिल्लीम में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से बातचीत की. पासवान ने कहा कि कोविड-19 की इस अनिश्चित स्थिति के दौरान प्रवासियों की दुर्दशा को कम करने और उन्हें तथा उनके परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, 8 एलएमटी खाद्यान्न राज्यों या संघ शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया है और भारत सरकार राज्य के भीतर परिवहन, डीलरों के मार्जिन आदि सहित इस वितरण के मद में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी.

उन्होंने कहा कि राज्य या संघ राज्य क्षेत्रवार आवंटन आदेश जारी किए गए हैं, किसी विशेष राज्य या संघ शासित प्रदेश में एनएफएसएके अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों की कुल संख्या का 10% हिस्सा आवंटन कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे लाभार्थियों की पहचान और उन्हेंक खाद्यान्न का वितरण संबंधित राज्य या संघ शासित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होगी.

पासवान ने बताया कि राज्यों या संघ शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे एक ऐसा तंत्र स्थाषपित करें, जिसमें आवंटित खाद्यान्नय पूरी तरह वितरित करने के बाद उसका वितरण कुल मिलाकर पीएमजीकेएवाई के मामले में अपनाए गए पैटर्न पर खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ साझा किया जा सके. राज्यm या संघ शासित प्रदेश बचे-खुचे शेष खाद्यान्नर के साथ विवरण की जानकारी 15 जुलाई, 2020 तक दे सकते हैं, यदि कोई हो. पासवान ने कहा कि वह खाद्यान्न के वितरण की समीक्षा करने के लिए अगले सप्ताह सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे.

इसके अलावा, पासवान ने कहा कि ‘वन नेशन वन कार्ड’योजना के तहत राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए, विभाग ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (आईएम-पीडीएस) का एकीकृत प्रबंधन शुरू किया है. उन्होंने आगे बताया कि 1 मई 2020 तक 17 राज्यों संघ शासित प्रदेशों के लाभार्थियों ने ‘वन नेशन वन कार्ड’ योजना शुरू कर दी है.
पासवान नें कहा कि जून 2020 तक 3 और राज्य या संघ शासित प्रदेश जुड़ जाएंगे और अगस्त, 2020 तक कुल 23 राज्य या संघ शासित प्रदेश इस योजना का हिस्सा बन जाएंगे. उन्होंने कहा कि डीओएफपीडीमार्च 2021 तक सभी राज्यों या संघ शासित प्रदेशों में इस योजना को लागू करने का लक्ष्य बना रहा है.

पासवान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय में, प्रवासी मजदूर ओएनओसीयोजना से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे, क्योंकि पीडीएस लाभार्थी ‘वन नेशन वन कार्ड’ में शामिल राज्यों या संघ शासित प्रदेशों में किसी भी समय बायोमीट्रिक सत्यापन के साथ किसी भी एफपीएस की दुकान से अपना राशन कार्ड ले सकते हैं.

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