नई दिल्ली: सोशल एक्टिविस्ट योगिता भयाना पिछले काफी दिनों से समाज सेवा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं. लॉक डाउन में भी योगिता भयाना लगातार गरीबों और मजदूरों की मदद कर रही हैं. वे खाने-पीने की चीजों से लेकर, संक्रमण से बचाव के लिए जरुरी मास्क और सेनिटाईजर का वितरण कर रही हैं.
योगिता भयाना अपने अथक प्रयासों से रोजाना हजारों लोगों को रोज खाना खिलाने की जिम्मेदारी उठा रही हैं. साथ ही उन्होंने लोगों की अलग-अलग तरीके से मदद की है. लॉक डाउन में उन्होंने कुछ ऐसे मुद्दों पर भी काम किया जिस तरफ किसी और ने ध्यान ही नहीं दिया.
लॉक डाउन से पहले बिहार से दिल्ली में गंभीर रोगों का इलाज कराने पहुंचे बहुत से लोग वहां फंस गए. बेहद जरुरी होने के बाद भी उनकी वापसी लगभग असंभव हो गयी. योगिता भयाना नें बिहार के विभिन्न जिलों से इलाज के लिए दिल्ली जाकर फंसे ऐसे लोगों की मदद की.
दिल्ली के एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल और बहुत सारे अन्य अस्पतालों में फंसे हुए लोगों को उनके घर भेजने की पूरी व्यवस्था की. मरीजों को बिहार जाने की परमिशन दिला कर अपने निजी खर्च और प्रयास से उन बसों को बिहार के लिए रवाना किया.

रविवार को योगिता भयाना ने दिन भर के अथक परिश्रम से मेहरौली-गुडगांव रोड पर स्थित दिल्ली सरकार के स्क्रीनिंग सेंटर आकर सबकी स्क्रीनिंग कराई. इसके बाद देर शाम 8 बजे इनकी वापसी के लिए सरकार की तरफ से परमिशन मिल सकी. आज सुबह के लगभग 2:30 बजे बसों का एक जत्था दिल्ली से बिहार के विभिन्न जिलों के अपने -अपने गंतव्यों के लिय रवाना हो गया.
इससे पहले योगिता भयाना ने लॉक डाउन के शुरुवाती दिनों में मुकेश नाम के एक लड़के को उसकी मां के अंतिम संस्कार में दिल्ली से बिहार भेजने की व्यवस्था कराई थी. जब मुकेश की मदद के लिए सरकार की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किया गया तो योगिता भयाना के भाई नें अपनी गाड़ी से मुकेश को दिल्ली से बिहार तक पहुँचाया था.
सरकारों को पता है बिहार से बड़ी तादाद में लोग इलाज़ के लिए दिल्ली आते है,बहुत सारे मरीज़ और मजबूर लोग लॉक्डाउन के दिनों से यहाँ दिल्ली में फंसे हुए थे,वो लोग अपने घर वापिस जाना चाहते थे,कई दिनो की कड़ी मेहनत के बाद आज देर रात उन्हें बिहार के अलग-अलग जिलों के लिए रवाना किया.🙏 pic.twitter.com/P0zL8Lp6u3
— Yogita Bhayana (@yogitabhayana) May 18, 2020