पटना. समाजसेवी देवेंद्र भारती ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र भेजकर क्वारंटीन सेंटरों पर मेन्यू लिस्ट के हिसाब से भोजन नहीं देने और बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व अनियमितता के संबंध में शिकायत की है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के मेन्यू लिस्ट के हिसाब से खाना नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से 18 मई को मोतीपुर में मजदूरों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. हालत इतनी दयनीय है कि पारु के मध्य विद्यालय जाफरपुर पर सीओ के आश्वासन के 9 दिन बाद भी कोई सरकारी सुविधा नहीं मिली. इस पत्र की कॉपी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी है.
बंदरा, देवरिया कोठी, सरैया, (मुजफ्फरपुर) में भी इसी तरह की अनियमितता देखने को मिल रही है. यही हालात समस्तीपुर जिले में भी कई जगह देखने को मिल रही है. परसोना कोठिया में हालात इतने बदतर है कि लोग अपने घर से खाना पहुंचा रहे हैं. बड़े स्तर पर मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर व बिहार के अन्य जगह के सीओ वीडियो व संबंधित अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं. कुछ जगह पर खाना मिल रहा है तो सिर्फ कच्चे चावल की खिचड़ी और आलू का चोखा दिया जा रहा है.
कोरंटीन सेंटरों पर रह रहे लोग कहीं गुड़ चिड़वा तो कहीं पर चिड़वा नमक तो कहीं पर चना गुड़ पर गुजारा करने को मजबूर हैं. कागजों पर ही आपदा प्रबंधन की मेन्यू लिस्ट को दिखाया जा रहा है, जबकि वास्तविकता से इसका कोई संबंध नहीं है. जबकि आपदा प्रबंधन की मैन्यू लिस्ट तय है कि क्या खाना देना है लेकिन वह कहीं पर भी बिहार में नहीं मिल रहा है.
पत्र में भारती ने लिखा है कि समस्तीपुर के डीएम ने बच्चे व बूढ़े को एक गिलास दूध देने की बात कही है लेकिन खाना ही सही से नहीं मिल रहा है. दूध सिर्फ कागजों तक ही सीमित है. पूरे बिहार में जगह-जगह से यह बात सामने आ रही है. बड़े स्तर पर सीओ, बीडीओ व अन्य अधिकारी भ्रष्टाचार करने में लगे हैं. इसलिए निवेदन यह है कि मेन्यू लिस्ट सार्वजनिक की जाए. जिससे कि लोगों को पता चल सके कि किस दिन क्या खाना देना है.
उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से मांग की है कि मोतीपुर जाफरपुर व जहां कहीं भी गड़बड़ी हुई है वहां के संबंधित अधिकारी को निलंबित किया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि मेनू लिस्ट के हिसाब से खाना उपलब्ध हो. इस पत्र की कॉपी उन्होंने प्रधानमंत्री, बिहार के चीफ सेक्रेटरी, मुजफ्फरपुर के कमिश्नर, आपदा प्रबंधन सचिव, व मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर के डीएम को भी भेजा है.