नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के अम्फान प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्हें सुपर साइक्लोन अम्फान से हुए नुकसान का जायजा भी लिया. एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उनके साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीश धनकड़ भी मौजूद थे. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ममता बनर्जी के साथ बशीरहाट पहुंचे जहां उन्होंने समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के लिए 1000 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दुख की घड़ी में केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के साथ खड़ी है.
उन्होंने कहा एक साल पहले भी साइक्लोन आया था उसमें सबसे बड़ा नुकसान ओडिशा को हुआ था. आज एक साल बाद फिर से साइक्लोन ने भारत के पूर्वी क्षेत्र को प्रभावित किया है. सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल पर पड़ा है. मेरी संवेदना उन सभी के साथ है, जिन्होंने चक्रवात के कारण अपनी जान गवाई. उन्होंने कहा कि लोगों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं .
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि साइक्लोन की संभावनाओं से लेकर लगातार मैं इससे संबंधित सभी लोगों से संपर्क में था. भारत सरकार भी सतत् राज्य सरकार के संपर्क में थी. साइक्लोन का नुकसान कम से कम हो, इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए उसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिल करके भरसक प्रयास किया. लेकिन उसके बावजूद करीब-करीब 80 लोगों का जीवन हम नहीं बचा पाए, इसका हम सबको दुख है. जिन परिवारों ने अपना स्वजन खोया है, उनके प्रति केंद्र सरकार, राज्य सरकार और हम सबकी संवदेनाएं हैं और इस संकट की घड़ी में हम उनके साथ हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा पुनर्वास पुर्ननिर्माण से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा. हम सभी चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल आगे बढ़े. इस परीक्षण समूहों में केंद्र हमेशा पश्चिम बंगाल के साथ खड़ा रहेगा. हम इस प्रतिकूल समय पश्चिम बंगाल के साथ हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा जिन परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं, उन परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपया और घायलों उनको 50 हजार रुपये तक की सहायता देने का काम भी हम प्रधानमंत्री राहत कोष से करेंगे.
उन्होंने कहा कि दुनिया एक संकट से जूझ रही है. भारत भी लगातार कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. कोरोना वायरस की लड़ाई में जीतने का मंत्र और साइक्लोन में जीतने का मंत्र; दोनों पूरी तरह एक-दूसरे के उलट हैं.
कोरोना वायरस से लड़ने का मंत्र है- जो जहां है वहीं रहे, जरूरत नहीं हो तब तक घर से बाहर नहीं निकले और जहां भी जाए दो गज की दूरी बनाए रखे, लेकिन साइक्लोन का मंत्र है कि साइक्लोन आ रहा है, जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थल पर आप शिफ्ट कर जाइए, वहां पर पहुंचने का प्रयास कीजिए, अपना घर खाली कीजिए; यानी दोनों अलग-अलग प्रकार की लड़ाइयां एक साथ पश्चिम बंगाल को लड़नी पड़ी हैं.
लेकिन उसके बावजूद भी ममता जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भरसक प्रयास किया है. भारत सरकार ने भी लगातार उनके साथ रह करके इस संकट की घड़ी में जो भी आवश्यक व एडवांस में करने योग्य था, जो उसी समय करने के योग्य था और जो आगे दिनों में करने की आवश्यकता है, उसको भी पूरा करने का हम प्रयास करेंगे.
आपको बता दें कि चक्रवाती अम्फान तूफान से कई पुरानी इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. सुपर साइक्लोन अम्फान से पश्चिम बंगाल में 72 लोगों की जान चली गई है. 2 जिले पूरी तरह तबाह हो गए हैं. इससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं कई पुल नष्ट हो गए हैं और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं. कोलकाता और राज्य के अन्य जिलों में तबाही के मंजर साफ देखे जा सकते हैं. पश्चिम बंगाल में 100 साल के अंतराल में आए भीषण चक्रवाती तूफान ने मिट्टी के घरों को ध्वस्त कर दिया है. फसलों को नष्ट कर दिया और बिजली के खंभों को उखाड़ फेंका है.
प्रधानमंत्री ओडिशा का भी दौरा करेंगे जहां अम्फान नें भारी तबाही मचाई है. ओडिशा के तटीय जिलों में विद्युत और दूरसंचार से जुड़ा आधारभूत ढांचा नष्ट हो गया है. तूफान के कारण ओडिशा के कई तटीय जिलों में बिजली में दूरसंचार सुविधाओं को नुकसान पहुंचा है. ओडिशा के अधिकारियों के आकलन के अनुसार चक्रवात से लगभग 44.8 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.