Faridabad: स्वदेशी जागरण मंच फरीदाबाद के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा हस्ताक्षर अभियान के अंतर्गत सेक्टर 87 स्थित दीक्षा पब्लिक स्कूल में संकल्प सभा का आयोजित किया. जिसकी अध्यक्षता दीक्षा पब्लिक स्कूल के प्रबंधक व आर्य समाजी डॉ गजराज सिंह आर्य ने की.
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सह संयोजक सतेन्द्र सौरोत ने विदेशी कम्पनियों के उत्पादों विशेषत: चीन के उत्पादों के बहिश्कार का आह्वान करते हुये कहा कि आज देश में अनेक उद्योग-धंधे चीन से बढ़ रहे आयातों के कारण बंद हो चुके है.
जिसमें विद्युत साज सामान, बल्ब, टायर, मोबाइल फोन, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स साज सामान, कंप्यूटर हार्डवेयर उद्योग, स्टेशनरी सामान, खिलौना उद्योग औषधि उद्योग आते हैं. जिसके कारण आज हमारे देश में बहुत तेजी से बेरोजगारी बढती जा रही है व हमारी मुद्रा का लगातार अवमूल्यन होता जा रहा है. हमारे कुल वैश्विक व्यापार घाटे का लगभग 46 प्रतिशत केवल चीन से होता है.
स्वदेशी जागरण मंच के अमरदीप सिंह ने कहा कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी जैंगपो पर बांध बनाकर भारत के लिए जल संकट उत्पन्न करने की तैयारी कर दी है. जिससे वह कभी भी हमारे देश की लगभग 10 करोड़ आबादी के लिये जल की कमी उत्पन्न कर सकता है तो कभी भी अधिक जल छोड़कर हमारे देश में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर सकता है.
डॉ कृष्णकांत उपाध्याय ने कहा कि प्रखर राष्ट्रभक्ति ही चीन की चुनौतियां का सही जवाब हो सकती है. हमें चीन का कोई भी सामान नहीं खरीदना चाहिए चीन का सामान खरीदने का अर्थ है कि अपने सैनिकों की मौत का इंतजाम करना वह अपने युवाओं के रोजगार समाप्त करना.
रवींद्र मनचंदा ने कहा की चीन पाकिस्तान के माध्यम से भारत के साथ छद्म युद्ध छेड़े हुए हैं. वह यहां पर आतंकवादी, नक्सली व राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा देता रहता है.
इस अवसर पर कुणाल राज गोयल व संजय मैथिली ने उपस्थित छात्र छात्राओं, अध्यापकों से स्वदेशी अपनाने व चीन के सामान का बहिष्कार करने का संकल्प दिलाया. विद्यालय के लगभग 800 विद्यार्थियों ने संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए व 100 विद्यार्थियों ने समाज से व अपने अड़ोस पड़ोस से भी हस्ताक्षर करा कर इस अभियान को सक्रिय समर्थन देने का आश्वासन दिया. गोयल ने बताया कि वह फरीदाबाद में अब तक लगभग 30 हजार हस्ताक्षर करा चुके हैं.
डॉ गजराज सिंह आर्य ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह चीनी वस्तुओं के आयात पर तकनीकी आधार पर यथासंभव रोक लगाएं व चीन को स्पष्ट चेतावनी दे कि उसके द्वारा विविध अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का विरोध जारी रहा और उसके द्वारा सीमा का अतिक्रमण जारी रहा तो भारत सरकार चीन से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देगी.