
New Delhi: नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और राज्य मंत्री जयंत सिंह ने बुरा व्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के तरीको के मुद्दे को लेकर मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि यात्रियों, क्रू व विमान की सुरक्षा के लिए बुरा व्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के तरीके पर सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) संशोधित किया जा रहा है. प्रेस सम्मेलन के दौरान नागरिक उड्डयन सचिव आरएन चौबे ने सीएआर मसौदे की जानकारी दी.
प्रस्तावित सीएआर की मुख्य विशेषताएं:
क) बुरे व्यवहार को तीन श्रेणियों में परिभाषित किया गया है – पहले स्तर के तहत बुरे बर्ताव से बाधा डालने वाले व्यवहार को रखा गया है, दूसरे स्तर में शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार रखा गया है और तीसरे स्तर में जान को खतरे में डालने वाला व्यवहार रखा गया है.
ख) विमान कंपनियां इस तरह के यात्रियों का एक डाटाबेस तैयार करेंगी जिससे बुरा व्यवहार करने वाले यात्रियों की एक राष्ट्रीय नो-फ्लाय सूची बनाई जाएगी. एमएचए द्वारा चिन्हित राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक व्यक्तियों को भी राष्ट्रीय नो-फ्लाय सूची में डाला जाएगा. विमान कंपनियां व्यक्तियों को उनके नाम व राष्ट्रीय नो-फ्याय सूची में उनका नाम डाले जाने की वजह भी भेजेगी.
ग) विमान कंपनियों के पास यह विकल्प होगा कि वह नो-फ्लाय सूची में शामिल बुरा बर्ताव करने वाले व्यक्तियों को भारत से/भारत के भीतर/भारत के लिए विमान यात्रा करने से प्रतिबंधित कर सकती है. प्रतिबंध की अवधि तीन माह से लेकर अधिकत दो साल तक हो सकती है. जो इस बात पर निर्भर करता है कि बुरा व्यवहार किस स्तर के तहत आता है. प्रत्येक बाद के अपराध के लिए व्यक्ति को पिछली प्रतिबंध की अवधि से दोगुना अवधि के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा.
घ) ऐसे मामलों में शिकायत निपटाने के लिए दो स्तरीय तंत्र का प्रावधान किया गया है – एक सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अगुवाई वाली आंतरिक समिति की तरफ से एयरलाइंस के स्तर पर प्रारंभिक जांच. अपील दाखिल करने पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तत्वावधान में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जायेगा.
सचिव ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय विमानन कंपनियों समेत अन्य विमानन कंपनियों को नो फ्लाय सूची पर विचार करने का अधिकार होगा. वह चाहे तो व्यक्ति या समूह के प्रतिबंध की अवधि को बढ़ा भी सकती है. हालांकि नो-फ्लाय सूची में शामिल सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चिन्हित व्यक्तियों को अपील करने का अधिकार नहीं होगा.