New Delhi: नौसेना कमांडरों का चार दिवसीय सम्मेलन 5 मई को समाप्त हो गया. सम्मेलन में नौसेना के शीर्ष स्तर के नेतत्व ने पिछले छह महीनों में किए गए प्रमुख संचालन, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा की. सम्मेलन में समुद्री क्षेत्र में विभिन्न अभियानों को पूरा करने के संबंध में भारतीय नौसेना की तत्परता की समीक्षा की.
रक्षा मंत्री ने सम्मेलन के शुरुआती दिन नौसेना के कमांडरों को संबोधित किया और उनसे बातचीत की. रक्षा मंत्री ने भारतीय नौसेना की इसकी व्यापक समुद्री सीमा और रक्षा कूटनीति समेत देश की समुद्री हितों की रक्षा को लेकर उसकी व्यावसायिकता और वचनबद्धता के लिए उसकी प्रशंसा की. उन्होंने कमांडरों से हर समय तैयार रहने के लिए आग्रह किया. साथ ही तैयारियों को बचाव का सबसे बेहतर तरीका बताया. स्वदेशीकरण में भारतीय नौसेना के प्रयासों की तारीफ करते हुए कमांडरों से उन्होंने आग्रह किया कि घरेलू विशेषज्ञों के निर्माण को जारी रखा जाए.
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए सीएनएस ने संचालन तैयारी, क्षमता वृद्धि, रखरखाव, रसद, बुनियादी ढांचा विकास और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर संबोधित किया. उन्होंने नौसेना के आधुनिकीकरण व स्वदेशीकरण के संबंध में निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया.