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New Delhi: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का आम बजट संसद में पेश किया। यह पहला मौका है जब आम बजट में ही रेल बजट भी शामिल है। इस बार बजट को योजनागत एवं गैर-योजनागत श्रेणियां में वर्गीकृत भी नहीं किया गया है। ख़ास बात यह भी है कि इस बार बजट को अपने निर्धारित समय से करीब एक माह पूर्व फरवरी माह की शुरुआत में ही पेश किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारा एजेंडा जनता के जीवन की गुणवत्ता में आमूल परिवर्तन लाने के लिए और प्रशासन की गुणवत्ता में परिवर्तन हेतु टीईसी इंडिया अर्थात ट्रांसफॉर्म, एनर्जाइज़ एवं क्लीन इंडिया पर केन्द्रित रहेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य समाज के विभिन्न तबकों विशेषकर युवाओं एवं कमज़ोर वर्गों में शक्ति का संचार करना और देश में भ्रष्टाचार, काला धन और अपारदर्शी राजनीतिक वित्तपोषण की बुराइयों को समाप्त करना है। मौद्रिक पहलुओं को संयमित रखकर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास, बुनियादी अवसंरचना को बढ़ावा देने एवं गरीबी उन्मूलन के लिए अधिक से अधिक धन खर्च करने पर हमारा विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित है। गरीबों एवं वंचितों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से निवेश को बढ़ावा और आर्थिक वृद्धि की तीव्र गति के संबंध में आर्थिक सुधारों को जारी रखा जाएगा।
बजट 2017-18 के लिए कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। अरुण जेटली ने कहा कि इस व्यय से कई गुना सकारात्मक प्रभाव और उच्च वृद्धि की उम्मीद है। वर्ष 2017-18 में राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों को कुल 4.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा रहे हैं, जबकि बजट अनुमान 2016-17 में यह 3.60 लाख करोड़ रुपये था।
बजट की खास बात यह भी है बैंक से लोन लेकर भागने वालों की संपत्ति को जब्त करने के लिए सरकार नए कानून भी बना सकती है।