लखनऊ: गोरखपुर और फूलपुर में जीत मिलने के बाद उत्साहित समाजवादी पार्टी अब बीजेपी को दो अन्य सीटों पर हराने की रणनीति बना रही है. ये सीट हैं कैराना और नूरपुर. इन दोनों सीटों पर उपचुनाव होना है.
कैराना लोकसभा सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के चलते रिक्त हुई है तो नूरपुर विधानसभा सीट बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह के सड़क हादसे में निधन में कारण रिक्त हुई है. बीजेपी जिस तरह गोरखपुर और फूलपुर में फेल हुई है उस हिसाब से सपा-बसपा गठबंधन का तोड़ निकालने की चुनौती बीजेपी के सामने है.
इन दोनों उपचुनावों में सपा-बसपा एक साथ ही मैदान में उतर सकती हैं और बीजेपी को फिर से मात देने की कोशिश कर सकती हैं. सूत्रों की मानें तो इस पर सहमति लगभग बन भी गई है क्योंकि बीएसपी उपचुनावों में अपने उम्मीदवार नही खड़े करती है. इसलिए माना जा रहा है कि दोनों सीटों पर बीएसपी सपा के प्रत्याशी को समर्थन दे सकती है.
कांग्रेस पर होंगी सबकी निगाहें-
देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कैराना और नूरपुर में अपना उम्मीदवार उतारती है या सपा-बसपा के साथ जाती है. राजनीतिक जानकारों की माने तो कांग्रेस इन दोनों सीटों पर सपा- बसपा को समर्थन दे सकती है क्योंकि गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. दोनों सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. गोरखपुर-फूलपुर में कांग्रेस ने इसलिए अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए थे क्योंकि अगर तीनों दल मिलकर लड़ते और चुनाव हार जाते तो जनता में बुरा सन्देश जाता.
बीजेपी मृगांका सिंह पर खेल सकती है दांव-
कैरान लोकसभा सीट पर बीजेपी दिवंगत हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को मैदान में उतार कर सहानुभूति बटोर सकती है. हालांकि, मृगांका सिंह पिछले साल कैराना विधानसभा सीट से चुनाव हार गई थीं. उन्हें समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन ने हराया था.