पटना: एनडीए से अलग होकर यूपीए में शामिल होने के बाद से रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा बिहार में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं. बिहार की राजनीति में अपनी ताकत बढाने के लिए उपेन्द्र कुशवाहा बिहार की शिक्षा व्यवस्था को हथियार बना रहे हैं.
भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले के जन्मदिवस के अवसर पर कुशवाहा ने बिहार के कुर्था से ‘शिक्षा सुधार जन–जन का अधिकार’ आन्दोलन और ‘शिक्षा सुधार यात्रा’ की शुरुआत कर दी है. इस यात्रा की शुरुआत करते हुए कुशवाहा ने कहा की बिना शिक्षा सुधार के बिहार का विकास नहीं हो सकता. बिहार के नवनिर्माण के लिए शिक्षा में सुधार आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हमने सरकार के सामने 25 सूत्री मांग रखी थी लेकिन सरकार नें कोई ध्यान नहीं दिया. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर जाग नहीं जाती तब तक ये अभियान चलता रहेगा. कुशवाहा की पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरे बिहार में शिक्षा सुधार को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं.
#बिहार लेनिन #जगदेव_बाबू की बलिदान भूमि #कुर्था से उन्हें एवं शिक्षा की क्रान्तिज्योति राष्ट्र माता #सावित्रीबाईफुले जी को नमन कर #बिहार_नव_निर्माण के लिए #शिक्षा_सुधार_यात्रा के साथ #रालोसपा का #शिक्षा_सुधार_जन_का_अधिकार आंदोलन व #हस्ताक्षर_अभियान की शुरूआत करते हुए। pic.twitter.com/1XIfOn2kgA
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) 3 जनवरी 2019
उपेन्द्र कुशवाहा का शिक्षा सुधार को लेकर मैदान में उतरना कोई नई बात नहीं है, वे जब नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थे तब से ही बिहार की खराब शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने का अभियान चला रहे थे. हालांकि एनडीए गठबंधन में रालोसपा भी सहयोगी दल था इसलिए उनकी पार्टी का शिक्षा सुधार अभियान बहुत आक्रामक न होकर आक्रांत ही था लेकिन बदले राजनीतिक समीकरणों के बाद उपेन्द्र कुशवाहा अब इस मुद्दे को धार देने में जुट गए हैं.

रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव जहाँगीर खान नें कहा कि “बिहार शिक्षाविदों की धरती रही है. बिहार में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय को को पूरे विश्व भर में ख्याति प्राप्त थी. लेकिन आज की शिक्षा व्यवस्था बदतर हालत में है. नीतीश कुमार के राज में बिहार की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गयी है.
उन्होंने आगे कहा कि “बिहार में शिक्षा को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा किये जा रहे शिक्षा सुधार के प्रयासों को जिस तरह जन समर्थन मिल रहा है उससे साफ़ है कि बिहार की जनता उनकी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है. जनता को अब यह महसूस होने लगा है कि उपेन्द्र कुशवाहा ही वह नेता हैं जो शिक्षा सुधार करके बिहार को विकास के रस्ते पर ले जायेंगे”.