पटना: एनडीए से अलग होकर यूपीए में शामिल होने के बाद से रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा बिहार में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं. बिहार की राजनीति में अपनी ताकत बढाने के लिए उपेन्द्र कुशवाहा बिहार की शिक्षा व्यवस्था को हथियार बना रहे हैं.
इसी क्रम में उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बिहार में बिगड़ी हुई शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए 2 फरवरी को आक्रोश मार्च निकालेंगे. रालोसपा नेता और कार्यकर्ता पटना के जे.पी. गोलबंद से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकालकर राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे. रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव जहाँगीर खान ने बताया कि “रालोसपा के कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में हस्ताक्षर अभियान चलाकर एक करोड़ से भी अधिक लोगों का समर्थन हासिल किया है, जिसे आक्रोश मार्च के बाद ज्ञापन के जरिये बिहार के महामहिम राज्यपाल को सौंपा जायेगा.”
उन्होंने कहा कि रालोसपा नें बिहार में कई चरणों में अभियान चलाकर और शिक्षा सुधार हेतु जरुरी अपनी 25 सूत्री मांगों को भी सरकार के सामने रखा था पर सरकार ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया इसलिए हम आक्रोश मार्च के जरिये सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराएँगे.
उपेन्द्र कुशवाहा का शिक्षा सुधार को लेकर मैदान में उतरना कोई नई बात नहीं है, वे जब नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थे तब से ही बिहार की खराब शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने का अभियान चला रहे थे. हालांकि एनडीए गठबंधन में रालोसपा भी सहयोगी दल था इसलिए उनकी पार्टी का शिक्षा सुधार अभियान बहुत आक्रामक न होकर आक्रांत ही था लेकिन बदले राजनीतिक समीकरणों के बाद उपेन्द्र कुशवाहा अब इस मुद्दे को धार देने में जुट गए हैं.