नई दिल्ली: लोकसभा का चुनाव अंतिम चरण में पहुँच गया है. अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होना है. 23 मई को परिणाम आयेंगे. पर अभी से सबके मन में एक सवाल हैं कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? देश की जनता किसपर भरोसा जताएगी.
नरेंद्र मोदी वापसी करेंगे या राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी मिलेगी? अगर तीसरे मोर्चे से कोई नाम आगे आया तो वो कौन होगा? मायावती, शरद पवार, ममता बनर्जी या फिर कोई और..?
परिणाम आने अभी बाकी हैं लेकिन सभी दल भविष्य के लिए अपनी- अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं. राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा कई क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं के मन में भी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है लेकिन अभी वे अनिर्णय की स्थिति में हैं.
क्षेत्रीय पार्टियों के अनिर्णय वाली स्थिति का कारण ‘पूर्ण बहुमत न आने पर मेरा भी नंबर आ सकता है’ वाली महत्वाकांक्षा है. ज्यादातर पार्टियाँ और नेता यह कहकर काम चला रहें हैं की ‘प्रधानमंत्री कौन बनेगा यह फैसला चुनाव के नतीजों के बाद होगा.
भाजपा की ओर से नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस की ओर से राहुल गाँधी का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए स्पष्ट हो चुका है.
तमाम दलों के अनिर्णय और अस्पष्टता वाली स्थिति के बीच तीसरे मोर्चे की ओर से एक नाम की चर्चा जोरों पर है. वो नाम है उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी बीएसपी सुप्रीमों मायावती का.
कौन सा दल कितनी सीटों पर जीत दर्ज करेगा इस उहापोह के बीच ही बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर दी है. बसपा के कई समर्थक व नेता उन्हें देश के अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्राजेक्ट करने में जुट गए हैं. उनके समर्थक ‘देश की पहली दलित प्रधानमंत्री’ के सपने को भरपूर हवा दे रहें हैं.
सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि ‘देश में कई बार सवर्ण जाति से आने वाले लोग प्रधानमंत्री बन चुके हैं, अब अब दलित प्रधानमंत्री बनाने की जरूरत है. मेरा सपना है कि मायावती देश की प्रधानमंत्री बनें.’
बसपा नेता भदौरिया ने कहा है कि ‘भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में दलित महिला प्रधानमंत्री बनेगी तो दुनियाभर में सम्मान मिलेगा. दबे-कुचले और शोषित-वंचित वर्ग के लोग बहन जी को पीएम बनते देखना चाहते हैं.’
भदौरिया कहतें हैं कि ‘मायावती अपने काम की वजह से दबे-कुचले वर्ग में राजनीतिक उत्कर्ष का प्रतीक हैं. इसीलिए उनकी एक आवाज पर दलित गोलबंद हो जाते हैं. मायावती महिला हैं, दलित हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चार बार पद संभालने का अनुभव है. खासतौर पर लॉ एंड ऑर्डर जैसे मामलों में उनकी पकड़ बेमिसाल है. सबसे सख्त और ईमानदार नेता के तौर पर उनको देखा जाता है. ऐसे में वो पीएम पद के लिए सबसे सही नेता हैं.’