नई दिल्ली: बीमा कंपनियों को कोरोना वायरस से मरने वालों के परिवार को क्लेम का पैसा देना होगा. जीवन बीमा परिषद की ओर से दिल्ली में यह जानकारी दी गयी. परिषद की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सार्वजानिक और निजी दोनों जीवन बीमा कंपनियां कोरोना वायरस के चलते हुई मौतों के सिलसिले में क्लेम का निपटान करने के लिए बाध्य हैं. कोरोना वायरस से मौत के क्लेम के मामले में ‘फोर्स मेजर’ का प्रावधान लागू नहीं होगा. फोर्स मेजर का अर्थ है कि ऐसी अप्रत्याशित परस्थितियां जिनमें बीमा कंपनियां समझौते का पालन करने के लिए बाध्यकारी नहीं होती हैं.
सोमवार को दिल्ली में जीवन बीमा परिषद के महासचिव एसएन भट्टाचार्य ने कहा कि सभी जीवन बीमा कंपनियों ने इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से अपने ग्राहकों को सूचित भी किया है. उनके अनुसार बीमा उद्योग यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय कर रहा है कि लॉकडाउन के कारण पॉलिसी धारकों को कोई दिक्कत न आए.
भट्टाचार्य ने बताया कि कोविड-19 से संबंधित मृत्यु दावों के निपटान या पॉलिसी से संबंधित किसी दूसरी सेवा के लिए डिजिटल माध्यमों के जरिए सहायता देने की कोशिश की जा रही है. जीवन बीमा परिषद के महासचिव ने पॉलिसी धारकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे बिल्कुल चिंता न करें, इस कठिन समय में बीमा कंपनियां उनके साथ खड़ी हैं.