लॉकडाउन के प्रतिबंधों को देखते हुए पीएम किसान योजना में 15,000 रुपये दे सरकार: स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन का सुझाव

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में ज्यादा आय वालों को छोड़ सभी किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में  प्रति वर्ष कुल 6,000 रुपये की मदद सीधे उनके खातों में दी जाती है.

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किसान, फोटो: फेसबुक

नई दिल्ली. कोराना वायरस  महामारी से सुरक्षा के लिए लागू हुए लॉकडाउन के तमाम प्रतिबंधों को देखते हुए स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन ने सरकार को सुझाव दिया है कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत दी जाने वाली 6,000 रुपये प्रति वर्ष की धनराशि को बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिवर्ष कर देना चाहिये.

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अगुवाई वाले स्वामीनाथन फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि मौजूदा समय में इस स्कीम का पैसा ‘‘मौजूदा नुकसान की भरपाई करने और अगली फसल की बुवाई की जरूरत के लिहाज से अपर्याप्त है.’’

स्वामीनाथन फाउंडेशन ने कहा  है कि खेतिहर मजदूरों को उनके गांवों में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं और उनके लिए सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए जाने चाहिए. सब्जियों, फलों जैसे जल्द खराब होने की संभावना वाले कृषि उत्पादों का विपणन करने के लिए कृषि और बागवानी विभाग को शीघ्रता से कदम उठाने चाहिए.

सरकार से जनधन, किसान सम्मान और पेंशन योजनाओं के खातों में  7500 रुपये डालने की सिफारिश करेगी  कांग्रेस:

वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस सलाहकार समूह की पहली बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी कहा कि सभी जनधन, किसान सम्मान और पेंशन योजनाओं से जुड़े खातों में सरकार को 7500 रुपये डालने चाहिए. कांग्रेस एमएसएमई, मजदूरों और किसानों को राहत देने के लिए अगले एक- दो दिनों में अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेज सकती है.

 

यहाँ आपको बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों को साल में 6,000 रुपये दिये जाते हैं. 2,000 रुपये की तीन किस्तों में ये भुगतान होता है.

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