पटना: भारत वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लाकडाउन किया गया है. लाकडाउन में काम-काज ठप्प हो जाने के कारण गरीब और मजदूर तबके के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी परेशानी खाने और राशन की हो रही है. लाकडाउन से उपजे इन हालातों को देखते हुए कुछ सामाजिक संगठन गरीबों की मदद के लिए आगे आकर सराहनीय काम कर रहे हैं. ऐसा ही एक सामाजिक संगठन है ‘मिल्स ऑफ हैप्पीनेस’ जिसकी संस्थापक आंचल शर्मा हैं.
मिल्स ऑफ हैप्पीनेस सामाजिक संस्था द्वारा बिहार में गरीबों और जरूरतमंदों के बीच राहत सामग्री वितरित की जा रही है. हर जरूरतमन्द परिवार को मिल्स ऑफ हैप्पीनेस सामाजिक संस्था द्वारा 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, 5 किलो आलू, 2 किलो प्याज, डेढ़ किलो दाल, हल्दी के पैकेट के साथ आधा लीटर सरसों का तेल दिया जा रहा है.
बिहार के सिवान जिले में स्थित पकड़ी पंचायत के नवीगंज गांव में श्रीवर्मा प्रसाद, बीरबल प्रसाद, बादशाह प्रसाद, अमित कुमार, डा. पी के प्रसाद और गुड्डू कुमार के नेतृत्व में आज लगभग 565 जरूरतमन्दों को राहत सामग्री का वितरण किया गया. राशन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराने के लिए लगभग तीन मीटर की दूरी पर गोल घेरे बनाए गए हैं.
मिल्स ऑफ हैप्पीनेस की संस्थापक आंचल शर्मा नें बताया कि राहत सामग्री वितरण कार्यक्रम सिवान के बाद गोपालगंज जिले में भी चलेगा. वहां भी 650 जरूरतमंद परिवारों तक रहत सामग्री वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है.