आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया

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फोटो: ट्वीटर

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए देश में जारी लॉकडाउन का आज 33वां दिन है.  लॉकडाउन के दूसरे चरण के पूरे होने में अब 7 दिन बाकी है इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के जरिये देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई लड़ रहा है. सबका एक ही लक्ष्य है कि कोरोना को हराना है. उन्होंने कहा कि भारत जैसा विशाल देश जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, आज वह गरीबों के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है.

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि  भारत की  कोरोना  के खिलाफ़ लड़ाई सही मायने में  people driven है. भारत में CORONA के खिलाफ़ लड़ाई जनता लड़ रही है, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि  आज  पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन, इस लड़ाई का सिपाही है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है, आप कहीं भी नज़र डालिये, आपको एहसास हो जायेगा कि भारत की लड़ाई people driven है.  पूरे देश में, गली-मोहल्लों में, जगह-जगह पर, आज लोग एक-दूसरे की सहायता के लिए आगे आये हैं. ग़रीबों के लिए खाने से लेकर, राशन की व्यवस्था हो, lockdown का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, medical equipment का देश में ही निर्माण हो – आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ-साथ चल रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिये – एक तरफ, वो, इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोये. हर कोई, अपने सामर्थ्य के हिसाब से, इस लड़ाई को लड़ रहा है.

 

पढ़िए ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही गयी कुछ बड़ी बातें-

  • कई ऐसे पहलू जानने को मिले जिस पर आपाधापी में ध्यान ही नहीं जाता. भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई पीपल ड्रिवन है. यह लड़ाई जनता लड़ रही है.

 

  • हम भाग्यशाली हैं कि देश का हर नागरिक इस लड़ाई का सिपाही है. आप कहीं भी नजर डालिए, अहसास हो जायेगा कि यह जनता की लड़ाई है. जब पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है. भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी तो भारत की पीपल ड्रिवन लड़ाई की चर्चा जरूर होगी.

 

  • ताली-थाली, दीया मोमबत्ती से लोगों में भावनाएं जगीं. शहर हो या गांव ऐसा लग रहा है जैसे देश में महायज्ञ चल रहा है जिसमें हर कोई योगदान देने को आतुर हैं. हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिये – एक तरफ, वो, इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोये. हर कोई, अपने सामर्थ्य के हिसाब से, इस लड़ाई को लड़ रहा है.

 

  • कोई mask बना रहा है, कहीं हमारे मजदूर भाई-बहन quarantine में रहते हुए, जिस school में रह रहे हैं, उसकी रंगाई-पुताई कर रहे हैं.

 

  • पिछले कुछ साल में, हमारे देश में, यह मिज़ाज बना है, निरंतर मज़बूत होता रहा है। चाहे करोड़ों लोगों का gas subsidy छोड़ना हो, लाखों senior citizen का railway subsidy छोड़ना हो, स्वच्छ भारत अभियान का नेतृत्व लेना हो, toilet बनाने हो – अनगिनत बातें ऐसी हैं। इन सारी बातों से पता चलता है – हम सबको – एक मन, एक मजबूत धागे से पिरो दिया है। एक होकर देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी है।

 

  • आप, अपनी भावना के अनुरूप, देश के लिए अपनी रूचि के हिसाब से, अपने समय के अनुसार, कुछ कर सके, इसके लिए सरकार ने एक Digital Platform भी तैयार किया है। ये platform है – covidwarriors.gov.in।  सरकार ने इस platform के माध्यम से तमाम सामाजिक संस्थाओं के Volunteers, Civil Society के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन को एक-दूसरे से जोड़ दिया है। बहुत ही कम समय में, इस portal से सवा-करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। इनमें Doctor, Nurses से लेकर हमारी ASHA, ANM बहनें, हमारे NCC, NSS के साथी, अलग-अलग field के तमाम professionals, उन्होंने, इस platform को, अपना platform बना लिया है। ये लोग स्थानीय स्तर पर crisis management plan बनाने वालों में और उसकी पूर्ति में भी बहुत मदद कर रहें हैं। आप भी covidwarriors.gov.in से जुड़कर, देश की सेवा कर सकते हैं, Covid Warrior बन सकते हैं.

 

  • साथियो, हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न-कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है। कुछ संभावनाओं के मार्ग बनाती है और कुछ नई मंजिलों की दिशा भी देती है। इस परिस्थिति में आप सब देशवासियों ने जो संकल्प शक्ति दिखाई है, उससे, भारत में एक नए बदलाव की शुरुआत भी हुई है। हमारे Business, हमारे दफ्तर, हमारे शिक्षण संस्थान, हमारा Medical Sector, हर कोई, तेज़ी से, नये तकनीकी बदलावों की तरफ भी बढ़ रहें हैं। Technology के front पर तो वाकई ऐसा लग रहा है कि देश का हर innovator नई परिस्तिथियों के मुताबिक कुछ-न-कुछ नया निर्माण कर रहा है।

 

  • देश जब एक team बन करके काम करता है, तब क्या कुछ होता है – ये हम अनुभव कर रहें हैं। आज केन्द्र सरकार हो, राज्य सरकार हो, इनका हर एक विभाग और संस्थान राहत के लिए मिल-जुल करके पूरी speed से काम कर रहे हैं। हमारे Aviation Sector में काम कर रहे लोग हों, Railway कर्मचारी हों, ये दिन-रात मेहनत कर रहें हैं, ताकि, देशवासियों को कम-से-कम समस्या हो। आप में से शायद बहुत लोगों को मालूम होगा कि देश के हर हिस्से में दवाईयों को पहुँचाने के लिए ‘Lifeline Udan (लाइफ-लाइन उड़ान)’ नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है। हमारे इन साथियों ने, इतने कम समय में, देश के भीतर ही, तीन लाख किलोमीटर की हवाई उड़ान भरी है और 500 टन से अधिक Medical सामग्री, देश के कोने-कोने में आप तक पहुँचाया है। इसी तरह, Railway के साथी, Lockdown में भी लगातार मेहनत कर रहें हैं, ताकि देश के आम लोगों को, जरुरी वस्तुओं की कमी न हो। इस काम के लिए भारतीय रेलवे करीब-करीब 60 से अधिक रेल मार्ग पर 100 से भी ज्यादा parcel train चला रही है। इसी तरह दवाओं की आपूर्ति में, हमारे डाक विभाग के लोग, बहुत अहम भूमिका निभा रहें हैं। हमारे ये सभी साथी, सच्चे अर्थ में, कोरोना के warrior ही हैं।

 

 

  • ‘प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज़’ के तहत, ग़रीबों के Account में पैसे, सीधे transfer किए जा रहे हैं। ‘वृद्धावस्था पेंशन’ जारी की गई है। गरीबों को तीन महीने के मुफ़्त गैस सिलेंडर, राशन जैसी सुविधायें भी दी जा रही हैं। इन सब कामों में, सरकार के अलग-अलग विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर के लोग, एक team की तरह दिन-रात काम कर रहे हैं। और मैं, हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूँगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारें जो जिम्मेदारी निभा रही हैं, उसकी, कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका है। उनका ये परिश्रम बहुत प्रशंसनीय है।

 

  • देशभर से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों ने, अभी हाल ही में जो अध्यादेश लाया गया है, उस पर अपना संतोष व्यक्त किया है। इस अध्यादेश में, कोरोना warriors के साथ हिंसा, उत्पीड़न और उन्हें किसी रूप में चोट पहुचाने वालों के खिलाफ़ बेहद सख्त़ सज़ा का प्रावधान किया गया है। हमारे डॉक्टर, Nurses , para-medical staff, Community Health Workers और ऐसे सभी लोग, जो देश को ‘कोरोना-मुक्त’ बनाने में दिन-रात जुटे हुए हैं,उनकी रक्षा करने के लिए ये कदम बहुत ज़रुरी था।

 

  • हमारे घरों में काम करने वाले लोग हों, हमारी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए काम करने वाले हमारे सामान्य कामगार हों, पड़ोस की दुकानों में काम करने वाले लोग हों, इन सबकी कितनी बड़ी भूमिका है – हमें यह अनुभव हो रहा है। इसी तरह, ज़रुरी सेवाओं की delivery करने वाले लोग, मंडियों में काम करने वाले हमारे मज़दूर भाई-बहन, हमारे आस-पड़ोस के ऑटो-चालक, रिक्शा-चालक – आज हम अनुभव कर रहे हैं कि इन सब के बिना हमारा जीवन कितना मुश्किल हो सकता है।

 

 

  • देश के हर कोने से ऐसी तस्वीरे आ रही हैं कि लोग सफाई-कर्मियों पर पुष्प-वर्षा कर रहे हैं। पहले, उनके काम को संभवतः आप भी कभी notice नहीं करते थे। डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों – इतना ही नहीं, हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफ़ी बदलाव हुआ है। पहले पुलिस के विषय में सोचते ही नकारात्मकता के सिवाय, हमें कुछ नज़र नहीं आता था। हमारे पुलिसकर्मी आज ग़रीबों, ज़रुरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं। जिस तरह से हर मदद के लिए पुलिस सामने आ रही है इससे POLICING का मानवीय और संवेदनशील पक्ष हमारे सामने उभरकर के आया है.

 

  • संकट की इस घड़ी में, दुनिया के लिए भी, समृद्ध देशों के लिए भी, दवाईयों का संकट बहुत ज्यादा रहा है। एक ऐसा समय है की अगर भारत दुनिया को दवाईयां न भी दे तो कोई भारत को दोषी नहीं मानता। हर देश समझ रहा है कि भारत के लिए भी उसकी प्राथमिकता अपने नागरिकों का जीवन बचाना है। लेकिन साथियो,  भारत ने, प्रकृति, विकृति की सोच से परे होकर फैसला लिया। भारत ने अपने संस्कृति के अनुरूप फैसला लिया। हमने भारत की आवश्यकताओं के लिए जो करना था, उसका प्रयास तो बढ़ाया ही, लेकिन, दुनिया-भर से आ रही मानवता की रक्षा की पुकार पर भी, पूरा-पूरा ध्यान दिया। हमने विश्व के हर जरूरतमंद तक दवाइयों को पहुँचाने का बीड़ा उठाया और मानवता के इस काम को करके दिखाया। आज जब मेरी अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फ़ोन पर बात होती है तो वो भारत की जनता का आभार जरुर व्यक्त करते है। जब वो लोग कहते हैं  ‘Thank You India , Thank You People of India’  तो देश के लिए गर्व और बढ़ जाता है.

 

  • आयुष मंत्रालय ने immunity बढ़ाने के लिए जो protocol दिया था, मुझे विश्वास है कि आप लोग, इसका प्रयोग, जरुर कर रहे होंगे। गर्म पानी, काढ़ा और जो अन्य दिशा-निर्देश, आयुष मंत्रालय ने जारी किये हैं, वो, आप अपनी दिनचर्या में शामिल करेगें तो आपको बहुत लाभ होगा।

 

  • एक जमाना था, कि, हमारे देश के कई ऐसे इलाके होते थे, कि, वहाँ अगर कोई नागरिक फल खरीदता हुआ दिखता था तो आस-पड़ोस के लोग उसको जरुर पूछते थे – क्या घर में कोई बीमार है? यानी, फल – मतलब, बीमारी में ही खाया जाता है – ऐसी एक धारणा बनी हुई थी। हालाँकि, समय बदला और ये धारणा भी बदली। वैसे ही mask को लेकर भी धारणा अब बदलने वाली ही है। आप देखियेगा, mask, अब सभ्य-समाज का प्रतीक बन जायेगा। अगर, बीमारी से खुद को बचना है, और, दूसरों को भी बचाना है, तो, आपको mask लगाना पड़ेगा, और, मेरा तो simple सुझाव रहता है – गमछा, मुहँ ढ़कना है।

 

 

  • साथियो, रमज़ान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। जब पिछली बार रमज़ान मनाया गया था तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस बार रमज़ान में इतनी बड़ी मुसीबतों का भी सामना करना पड़ेगा। लेकिन, अब जब पूरे विश्व में यह मुसीबत आ ही गई है तो हमारे सामने अवसर है इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये और हम पहले की तरह उमंग और उत्साह के साथ ईद मनायें।

 

 

  • हमने देखा है कि इस बार हमारे ईसाई दोस्तों ने ‘ईस्टर(Easter)’ भी घर पर ही मनाया है। अपने समाज, अपने देश के प्रति ये ज़िम्मेदारी निभाना आज की बहुत बड़ी ज़रूरत है। तभी हम कोरोना के फैलाव को रोक पाने में सफल होंगे। कोरोना जैसी वैश्विक-महामारी को परास्त कर पाएँगे|

 

 

  • हम कतई अति-आत्मविश्वास में न फंस जाएं, हम ऐसा विचार न पाल लें कि हमारे शहर में, हमारे गाँव में, हमारी गली में, हमारे दफ़्तर में, अभी तक कोरोना पहुंचा नहीं है, इसलिए अब पहुँचने वाला नहीं है। देखिये,ऐसी ग़लती कभी मत पालना। दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ कह रहा है। और, हमारे यहाँ तो बार–बार कहा जाता है – ‘सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी’|

 

  • दो गज दूरी बनाए रखिये, खुद को स्वस्थ रखिये – “दो गज दूरी, बहुत है ज़रूरी”। आप सबके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हुए, मैं मेरी बात को समाप्त करता हूँ। अगली ‘मन की बात’ के समय जब मिलें तब, इस वैश्विक-महामारी से कुछ मुक्ति की ख़बरें दुनिया भर से आएं, मानव-जात इन मुसीबतों से बाहर आए – इसी प्रार्थना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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