कानून के फेर में ‘फंसे’ गुजरात के कानून मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा, रद्द हुआ चुनाव

71 वर्षीय चूड़ासमा महज 327 मतों से जीते थे. उनके चुनाव को कांग्रेस के हारे प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने अदालत में चुनौती दी थी. कांग्रेस उम्मीदवार का कहना था कि अगर पोस्टल बैलट की गिनती की जाती तो चुनाव परिणाम उनके पक्ष में जा सकता था.

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Bhupendrasinh Chudasama, photo: facebook

नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट ने दिग्गज भाजपा नेता व राज्य के शिक्षा व कानून मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा को करारा झटका देते हुए 2017 का उनका चुनाव रद्द कर दिया है. विधानसभा चुनाव की जीत में मत की गणना में गड़बड़ी की गई थी. 71 वर्षीय चूड़ासमा महज 327 मतों से जीते थे. चुनाव अधिकारी धवल जाने ने 429 पोस्टल बैलट को मतगणना में शामिल नहीं किया था. इसे कांग्रेस के हारे प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने अदालत में चुनौती दी थी.

कांग्रेस उम्मीदवार का कहना था कि अगर पोस्टल बैलट की गिनती की जाती तो चुनाव परिणाम उनके पक्ष में जा सकता था. न्यायाधीश परेश उपाध्याय की अदालत ने फरवरी में सुनवाई पूरी कर ली थी. उन्होंने मंगलवार को निर्वाचन खारिज करने का फैसला सुनाया. अश्विन राठौर ने याचिका में आरोप लगाया था कि आयोग के तमाम नियमों को दरकिनार कर भ्रष्ट तरीका अपनाया गया खासकर मतगणना में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई.

चूड़ासमा विजय रुपाणी की कैबिनेट में शिक्षा कानून के अलावा संसदीय कार्य मंत्रालय भी देखते हैं. वह चार बार मंत्री रहे हैं. फैसला आने के बाद भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने कहा कि वे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.

फैसले के परीक्षण को चुनाव आयोग ने समिति बनाई चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले के परीक्षण के लिए अफसरों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है चुनाव आयोग के प्रवक्ता शेफाली शरण ने यह जानकारी दी.

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