नई दिल्ली: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने केंद्र सरकार से अर्धसैनिक बलों को राज्य में भेजे जाने की मांग की थी. जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया है. आज गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि जल्द ही महाराष्ट्र को अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां भेजी जाएंगी.
देश में कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में देखा गया है. यहां 24427 लोग इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और 921 लोगों की मौत हो चुकी है. बता दें कि महाराष्ट्र में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के शिकार अब महाराष्ट्र पुलिस के जवान भी हो रहे हैं. अब तक बड़ी संख्या में महाराष्ट्र पुलिस के कर्मी इसके चलते संक्रमित हो चुके हैं. स्थिति को संभालने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से अर्धसैनिक बलों को भेजने का अनुरोध किया था जिसे मान लिया गया है.
सेना और अर्धसैनिक बल का अंतर –
भारत में जब भी सेना की बात होती है तो सिर्फ थल सेना, नौसेना और वायुसेना आते हैं. ये तीनों रक्षा मंत्रालय के अधीन हैं और भारत के राष्ट्रपति इनके सुप्रीम कमांडर होते हैं. इनका मुख्य काम बाहरी खतरों से निपटना है.
ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ जंग के लिए बने हैं. इन्हें किसी आपात स्थिति में भी मदद के लिए बुलाया जाता है. उदाहरण के लिए बीते साल केरल के बाढ़ के दौरान सेना की मदद ली गई थी. वहीं अर्धसैनिक बलों की बात करें तो ये गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं. भारत में अर्धसैनिक बलों की सबसे बड़ी तादाद मौजूद है. इनमें अधिकतर जवान मुख्य रूप से देश के भीतर या सीमा पर शांति के माहौल में मोर्चा संभालते हैं.
सेना अलग होते हैं अर्धसैनिक बल, जानें कौन-कौन शामिल
देश में अर्धसैनिक बलों की संख्या करीब 10 लाख है. इन अर्धसैनिक बलों में देश के कई अलग-अलग फोर्स के जवान शामिल होते हैं. इनमें मुख्य रूप से सीआरपीएफ और बीएसएफ की ज्यादा चर्चा होती है. इसके अलावा आईटीबीपी, सीआईएसएफ,असम राइफल्स और एसएसबी भी शामिल हैं.
कौन क्या करता है-
अगर सीआरपीएफ की बात करें तो आमतौर पर इन्हें देश के भीतर आतंकवाद और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाता है. यह चुनाव के दौरान या वीवीआईपी मूवमेंट में भी तैनात कर दिए जाते हैं. वहीं बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स को बांग्लादेश और पाकिस्तान से सटी सीमा ड्यूटी पर लगाया जाता है. बीएसएफ तब सीमा पर रहती है जब माहौल शांति का हो. अगर जंग जैसे हालात बनते हैं तो बीएसफ की जगह सेना मोर्चा संभालती है.
इसके अलावा आईटीबीपी भारत तिब्बत सीमा पुलिस के नाम से जानी जाती है. इनकी भारत-तिब्बत सीमा पर तैनात होती है. वहीं असम रायफल्स को आमतौर पर असम के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ड्यूटी देनी होती है. जबकि एसएसबी यानी सशस्त्र सीमा बल को भारत-नेपाल सीमा पर तैनात किया जाता है. इन सबसे इतर सीआईएसएफ यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल पर सरकारी उपक्रमों की सुरक्षा का जिम्मा होता है.