कृषि क्षेत्र में सुधार की घोषणाओं का स्वागत है, लेकिन अभी तक 20 लाख करोड़ रु के पैकेज में से गांव, गरीब, किसान, मज़दूर को कुछ खास नहीं मिला

योजनाओं की घोषणा के बावजूद किसानों की तात्कालिक व वास्तविक मांगों को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। यदि सरकार इस मांग-पत्र पर ध्यान करे तो ग्रामीण क्षेत्रों का कुछ भला अवश्य हो सकता है।

0
97
प्रतीकात्मक फोटो , फ़ाइल

चौधरी पुष्पेन्द्र सिंह

कृषि क्षेत्र में सुधार की घोषणाओं का स्वागत है। परन्तु अभी तक 20 लाख करोड़ रु के पैकेज में से गांव, गरीब, किसान, मज़दूर को वास्तविक धनराशि कुछ खास नहीं मिला है।
इस पैकेज में अधिकतर प्रस्ताव लोन के रूप में हैं, ना कि सहायता के रूप में। कुछ प्रस्तावों को पहले ही बजट में शामिल कर लिया गया था, अतः उनकी केवल पुनः घोषणा की गई है, जिसमें नया कुछ नहीं है।

पीएम-किसान जैसी कुछ योजनाओं की राशि को बस कुछ समय पहले दिया जा रहा है, लेकिन उसमें कोई बढ़ोतरी नहीं कि गई है। 1.70 लाख करोड़ रुपये का जो पहला पैकेज मार्च अंत मे घोषित किया गया था उसमें भी केवल 60,000 करोड़ के नए प्रस्ताव थे, बाकी सब इस साल के बजट में पहले ही मौजूद था।

कृषि क्षेत्र में कुछ सुधार जैसे- आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव स्वागत योग्य है। खाद्यान्न, खाद्य तेलों, तिलहन, दलहन, आलू, प्याज़ आदि में स्टॉक लिमिट को हटाने से किसानों को अच्छा दाम मिलने की आशा है। आपरेशन ग्रीन्स के तहत सभी फल सब्ज़ियों को शामिल किया गया है, जिसमें परिवहन और भंडारण के लिए 50% सब्सिडी मिलेगी।

कृषि उत्पाद बाज़ार समिति अधिनियम में सुधार होंगे जिससे कृषि उत्पादों को अन्य स्थानों, राज्यों या क्रेताओं को भी बेच सकें। पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15,000 करोड़ का फण्ड, पशुओं के टीकाकरण व इलाज के लिए 13,000 करोड़ का फंड मिलेगा। मछलीपालन के लिए 20,000 करोड़ रुपये की योजनाएं बनेंगी। लेकिन ये राशि अगले कई सालों में खर्च होगी। इन योजनाओं का दीर्घकालिक लाभ होगा।

किसान , फोटो फाइल


इन सब योजनाओं की घोषणा के बावजूद किसानों की तात्कालिक व वास्तविक मांगों को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। यदि सरकार इस मांग-पत्र पर ध्यान करे तो ग्रामीण क्षेत्रों का कुछ भला अवश्य हो सकता है।

*1. पीएम किसान योजना की राशि को 6000 रु से बढ़ाकर 24,000 रु करें।
*2. किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट दोगुनी, ब्याज दर 1% करें।
*3. किसानों के सभी कर्ज़ों, किश्तों की अदायगी एक साल के लिए निलंबित करें।
*4. कच्चा तेल सस्ता हो गया है अतः कृषि प्रयोग वाले डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी या छूट दें।
*5. कच्चा तेल सस्ता होने से रासायनिक उर्वरकों के दाम भी गिर जाते हैं। अतः पोटाश और डीएपी खाद पर 25% की छूट मिले।
*6. लॉकडाउन से किसान की आमदनी गिर गई है। अतः रबी की सारी फसलों की पूरी खरीद सुनिश्चित कर एमएसपी के ऊपर 250 से 500 रु प्रति क्विंटल का बोनस दें। आगे सभी फसलों की एमएसपी सम्पूर्ण लागत सी2 के डेढ़ गुने के आधार पर घोषित करें।
*7. सभी जनधन खातों में तीन माह तक 1000 रुपये प्रति माह भेजें।
*8. मनरेगा योजना के मजदूरों को कृषि कार्यों में लगाएं।
*9. आधार कार्ड को राशनकार्ड का दर्जा देकर कहीं से भी राशन का कोटा लेने की अनुमति दें।
*10. फरवरी के मूल्यों पर ही किसान का सारा उपलब्ध दूध खरीदें। इस दूध और दुग्ध उत्पादों को गरीबों, मरीज़ों, बच्चों, क्वारंटाइन केंद्रों में बांटे।
*11. कृषि कार्यों, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के रेट आधे करें।
*12. गन्ना किसानों का सारा गन्ना खरीदकर तुरन्त सारा बकाया भुगतान करें।
*13. मुर्गीपालन, मत्स्यपालन, व अन्य पशुपालन कर रहे किसानों की सप्लाई चेन, बिक्री की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलवाएँ।
*14. फल-सब्ज़ी की खेती करने वाले किसानों को मज़दूर और बाज़ार उपलब्ध करवाएं।
*15. किसानों-व्यापारियों को कहीं भी फसलों को खरीदने-बेचने की अनुमति दें।
*16. कृषि यंत्रों, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कीटनाशक, खाद आदि पर लगने वाली जीएसटी समाप्त करें।
*17. पीएम ग्रामीण सड़क योजना का बजट 19,500 करोड़ रु से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रु करें जिससे गांवों में पलायन कर चुके मज़दूरों को रोजगार मिल सके।
*18. पीएम ग्रामीण आवास योजना का बजट 19,500 करोड़ रु से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रु करें जिससे गांवों में पलायन कर चुके लोगों को रोजगार मिल सके।
*19. पीएम उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को छह माह तक मुफ्त सिलिंडर दें।

(लेखक किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here