लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार ने प्रियंका गाँधी द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसें चलाने के प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. सरकार द्वारा बसें चलाने क लिए लगाई गयी कुछ शर्तों पर ‘राजनीति’ शुरू हो गयी थी. प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के नाम पर पिछले तीन से दिनों से घमासान जारी है.
अब उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि अगर उन्हें लखनऊ में बसें पहुंचाने में दिक्कत है तो नोएडा और गाजियाबाद के डीएम को 12 बजे तक दे दें. इस पर प्रियंका गांधी की ओर से योगी सरकार को पत्र लिखकर बताया गया है कि बसें शाम पांच बजे तक नोएडा और गाजियाबाद पहुंचा दी जाएंगी. प्रियंका ने पत्र लिखकर यूपी सरकार से कहा कि बसें राजस्थान और दिल्ली से आ रही हैं. इनके लिए दोबारा परमिट दिलाने का काम जारी है…इसमें कुछ घंटे लगेंगे. इसलिए शाम 5 बजे तक बसें पहुंचा दी जाएंगी.
बता दें कि प्रियंका गांधी नें 16 मई को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद यूपी के एडिशनल चीफ सेकेट्री अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव को पत्र लिखकर सभी बसों से जुड़े सभी कागजात और उनके ड्राइवरों की लिस्ट मांगी थी. इसके बाद से ही इस मुद्दे पर सियासत तेज होने लगी थी.
दोनों तरफ से इस मुद्दे पर लगातार वार-पलटवार चल रहा है-
आज सुबह कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यूपी सरकार ने आज सुबह 10 बजे तक सभी बसों को लखनऊ हैंडओवर करने को कहा है, जो संभव नहीं है. प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने रात 2 बजे एक पत्र लिख जवाब दिया कि आपने 1000 बस तमाम दस्तावेजों सहित लखनऊ में सुबह 10:00 बजे बसें हैंडओवर करने की बात कही है. उन्होंने लिखा कि 1000 खाली बसे लखनऊ भेजना सिर्फ समय और संसाधन की बर्बादी है. उन्होंने लिखा कि आपकी सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है.
जानिए इस मामले में अब तक क्या क्या हुआ:
16 मई को प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार से गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर से 500 और नोएडा बॉर्डर से 500 बसें चलाकर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने की अनुमति मांगी थी.
18 मई को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया प्रवासी मजदूरों के संबंध में आप के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है. अतः अविलंब 1000 बसों की सूची चालक परिचालक का नाम व अन्य विवरण सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें. जिससे इनका उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके.
इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को एक हजार बसों की सूची ई मेल कर दी. इसी के साथ संदीप सिंह ने कहा कि हम कल बसों को दोबारा बॉर्डर पर चलने के लिए तैयार कर देंगे. 1000 बसों की सूची इस ईमेल के साथ अटैच की गई है. इनमें से कुछ चालको का दोबारा वेरिफिकेशन कर उनकी सूची भी कुछ घंटों में आप तक पहुंचाई जाएगी. आशा है जल्द से जल्द इन बसों के लिए अनुमति पत्र उपलब्ध करा देंगे. इन बसों का कल ही संचालन चालू करवा देंगे और इन बसों के रूट की पूरी जानकारी और समय सारणी जनसाधारण को उपलब्ध करा देंगे.
इसके बाद अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से प्रियंका के निजी सचिव को चिट्ठी लिख कर कांग्रेस द्वारा भेजी जाने वाली एक हजार बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र और ड्राइवरों का पूरा ब्योरा मांगा गया. उन्होंने लिखा कि कृपया समस्त बसों सहित उनका फिटनेस सर्टिफिकेट एवं चालक के ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही साथ परिचालक का पूर्ण विवरण मंगलवार सुबह 9 बजे वृंदावन योजना सेक्टर 15-16 में जिलाधिकारी लखनऊ को उपलब्ध कराने का कष्ट करें.
19 मई को प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने रात 2 बजे एक पत्र लिख जवाब दिया कि आपने 1000 बस तमाम दस्तावेजों सहित लखनऊ में सुबह 10:00 बजे बसें हैंडओवर करने की बात कही है. उन्होंने लिखा कि 1000 खाली बसे लखनऊ भेजना सिर्फ समय और संसाधन की बर्बादी है. उन्होंने लिखा कि आपकी सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है. कांग्रेस की तरफ से लगातार यह कहा जा रहा है कि उसने मजदूरों की मदद के लिए हजार बसों को तैयार रखा है लेकिन यूपी सरकार इस मदद को लेने की बजाए अजीब शर्तें लगा रही है.