Faridabad: हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने 31वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के समापन की अधिकारिक घोषणा की। इस अवसर पर झारखण्ड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू विशिष्ट अतिथि थीं। हरियाणा के पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा, पर्यटन विभाग की मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, भागीदार देश मिस्र के राजदूत हेतम तिगलदिन , उजबेकिस्तान दूतावास से राजदूत असलम अकवारोव, किर्गीस्तान दूतावास से राजदूत मैकसवैल रंगा भी इस मौके पर मौजूद थे।
विभिन्न देशों और राज्यों से आए हुए कलाकारों ने आए हुए सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत ढोल-नगाडों के साथ नृत्य करके किया।
हरियाणा सरकार के पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इस बार 22 देशों के २०२ कलाकारों ने भाग लिया, जिनमें न्यूजीलेण्ड, बेलारुस, आरमेनिया, दक्षिण अफ्रीका, जिम्बावें, मंगोलिया, कम्बोडिया ने पहली बार शिरकत की।
मेले में 1229 शिल्पकारों ने भाग लिया और मेला के दौरान चौपाल पर 224 अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों ने अपने-अपने देश का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। हरियाणा के पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि इस मेले में 22 देशों ने भाग लिया जो एक रिकार्ड हैं।
झारखण्ड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि यह झारखण्ड के लिए सम्मानजनक था कि झारखण्ड को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए सूरजकुण्डू मेला में थीम राज्य के रुप में चुना गया, जिसमें ३५० कला350 के साथ-साथ 87 शिल्पियों ने अपनी कला का मेला में प्रदर्शन किया।
इन्हें मिला पुरस्कार
राज्यपाल ने परम्परागत श्रेणी में उतर प्रदेश के मोहम्मद मतलुब को बुड कार्विंग के लिए पुरस्कृत किया। उन्होंने कला रत्न श्रेणी में ओडिसा के निरंजन मोहराना को पटाचित्रा कला के लिए पुरस्कृत किया। कलामणि श्रेणी में राजस्थान के लक्ष्मी लाल कुमहार को टेरोकोटा के लिए परस्कृत किया, छतीसगढ के भुवनेशवर को साडी डे्रस मैटिरियल के लिए पुरस्कृत किया।
राज्यपाल ने कलाश्री श्रेणी में चार शिल्पियों को पुरस्कार दिए जिनमें झारखण्ड की खोरी देवी को मधुबनी के लिए, हरियाणा की ललिता चौधरी को खादी के लिए, झारखण्ड के जोगेश्वर मिस्त्री को मास्क के लिए तथा हरियाणा की निशा को स्टोन डस्ट पेंटिंग के लिए पुरस्कृत किया गया।