सरकार के नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने किया प्रदर्शन

श्रम कानूनों में बदलाव, सरकारी विभागों का निजीकरण, डीए, एलटीसी व नई भर्ती पर  रोक और मजदूरों को वेतन न देने के खिलाफ कर्मचारी संघ ने किया हल्ला बोल प्रदर्शन

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फरीदाबाद। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन करते हुए  बिजली, नगर निगम, टूरिज्म, हुड्डा, जन स्वास्थ्य, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी बीएड आर, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग, वन, पशुपालन एवं डेयरी, विकास एवं पंचायत विभाग सहित अन्य कई विभागों में हल्ला बोल प्रर्दशन किया। आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने भी केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हल्ला बोला।
सीआईटीयू (सीटू) एटक, इंटक, एचएमएस आदि ट्रेड यूनियन से जुड़े मजदूरों ने भी अलग अलग जगह प्रर्दशन किए। प्रर्दशन के बाद ट्रेड यूनियन कौंसिल फरीदाबाद ने उपायुक्त कार्यालय पर केन्द्र एवं राज्य सरकार की मजदूर, कर्मचारी व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर एकजुट होकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त की गैर मौजूदगी में एसडीएम को सौंपा। इस दौरान सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, नरेश शास्त्री व अशोक कुमार, सीटू से निरंतर पराशर, लाल बाबू व सुधापाल, एटक से आरएन सिंह व बिशंम्बर सिंह, एचएमएस से एसडी त्यागी, आर डी यादव व राजपाल डांगी, इफ्टू से जवाहर लाल व इंटक से बिरेंद्र चौधरी आदि  उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में निम्न मांगों को उठाया

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा व सीटू के निरंतर पराशर ने बताया कि संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में सभी प्रवासी असंगठित मजदूरों व जरूरतमंद परिवारों को उनके रोजगार पर जाने तक बिना शर्त राशन मुहैया कराने और 7500 नकद सरकारी सहायता देने की मांग की है। इसके अलावा डीए, एलटीसी व नई भर्ती पर लगाई गई रोक हटाने, बिजली निगम, हुड्डा सहित अन्य सभी विभागों में नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने, विनिवेश के नाम पर सार्वजानिक क्षेत्र को बेचने के फैसले को वापस लेने, पुरानी पेंशन बहाल करने, शोषण व भ्रष्टाचार की जननी ठेका प्रथा को समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को सीधे विभागों के पे-रोल पर लेकर कच्चे कर्मियों को पक्का करने, बिजली निजीकरण का संशोधन बिल 2020 के ड्राफ्ट को वापस लेने, 2015 में टीजीटी (अंग्रेजी) सहित 1538 पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की बजाय नवचयनित को ड्यूटी ज्वाइन करवाने, पीटीआई की भर्ती प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करने की बजाय विधायी शक्तियों का प्रयोग करते हुए सेवा सुरक्षा प्रदान करने, आवश्यक सेवाओं में लगे पक्के व कच्चे कर्मचारियों व स्कीम वर्करों को पुरे सुरक्षा उपकरण, एक समान एक्स ग्रेसिया राशि व अतिरिक्त जोखिम भत्ता देने, मजदूरों और समाज के आवाज उठाने आदि अधिकारों को बहाल करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया।

प्रर्दशन का नेतृत्व किया

नगर निगम में नरेश कुमार शास्त्री, बलबीर सिंह बालगुहेर व गुरचरण खाडिया, बिजली में शब्बीर अहमद, सतपाल नरवत, रमेश चंद्र तेवतिया, सतीश छाबड़ी व दिनेश शर्मा, जन स्वास्थ्य विभाग में गांधी सहरावत, सिंचाई में अंतर सिंह केशवाल, बीएडआर में पूर्ण चंद दहिया, टूरिज्म में युद्ध बीर सिंह खत्री, सुभाष देसवाल, डिगंबर डागर हुड्डा में दिनेश कुमार, देवराज व धर्मबीर वैष्णव, वन में ब्रहम सिंह चंदीला, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों में देवीराम, आंगनबाड़ी में देविन्द्री शर्मा व मालवती और आशा वर्कर में हेमलता व सुधा के नेतृत्व में हल्ला बोल प्रर्दशन हुआ।

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