नई दिल्ली: सोयाबीन किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, कृषि मंत्रालय ने खरीफ सत्र 2024-25 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सोयाबीन खरीद के नमी मानकों में छूट की घोषणा की है. इस निर्णय के तहत, अब 12 प्रतिशत की निर्धारित सीमा के बजाय 15 प्रतिशत तक की नमी वाली सोयाबीन की खरीद की जाएगी, जिससे गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के कारण किसानों को नुकसान न उठाना पड़े.
कृषि मंत्री की स्वीकृति से यह निर्णय लिया गया है. इसका उद्देश्य उन सोयाबीन उत्पादकों को राहत प्रदान करना है, जो खरीफ मौसम के दौरान अनियमित मौसम की वजह से अपनी फसल में उच्च नमी स्तर का सामना करते हैं.
नई व्यवस्था के तहत, मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अतिरिक्त नमी वाले सोयाबीन की खरीद से होने वाले किसी भी अतिरिक्त खर्च या नुकसान की भरपाई संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की जाएगी. केंद्रीय नोडल एजेंसियां नेफेड और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, राज्य स्तरीय खरीद एजेंसियों को छूट दिए गए नमी मानकों को समायोजित करते हुए भुगतान करेंगी. हालांकि, किसानों को उनकी फसल के लिए पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जाएगा, जिससे किसानों के हित सुरक्षित रहें.
मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि उच्च नमी वाली खरीदी गई फसल के भंडारण में होने वाले नुकसान को न्यूनतम किया जाए. इस संबंध में केंद्रीय और राज्य स्तरीय खरीद एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे भंडारण और फसल संरक्षण के लिए आवश्यक सभी सावधानियां सुनिश्चित करें. भंडारण के दौरान किसी भी प्रकार की बर्बादी या गुणवत्ता में गिरावट रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. खरीफ 2024-25 सत्र में यह राहत सोयाबीन किसानों के लिए बड़ी सहायता सिद्ध होगी और साथ ही मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी बनी रहेगी. उपरोक्त आदेश की प्रति सभी प्रमुख सोयाबिन उत्पादक राज्यों के मुख्यसचिव व सरकारी उपार्जन एजेंसियों के प्रमुख को भेज दी गई है.