सरकार के सहारे बीजेपी इस तरह धुलेगी सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने के आरोपों का दाग

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NEW DELHI: भाजपा पर अक्सर सांप्रदायिक सदभाव बिगड़ने के आरोप लगते रहते हैं इसलिए उसने इस दाग को धोने के लिए अब कलाकारों, साहित्यकारों का सहारा लिया है.  इसका नाम “हमारी धरोहर” रखा गया है! इसके माध्यम से बीजेपी बताएगी की असल में वही सदभाव बनाकर रखना चाहती है.

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत कला-संस्कृति, संगीत, साहित्य की प्रतिभाओं से भरपूर है और यही कला-संस्कृति “सामाजिक सौहार्द” का मजबूत मिशन बन सकती है. अल्पसंख्यक मंत्रालय की “हमारी धरोहर” योजना के तहत “सांस्कृतिक सद्भाव समागम” के कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर गठित समिति की आज पहली बैठक नकवी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई. इस बैठक में देश के जाने-माने कलाकार, संगीतकार आदि शामिल हुए.

श्री नकवी ने कहा कि भारत का हर कोना अपनी अलग सांस्कृतिक सुगन्ध, संस्कार का साक्षी है. हमारी इस शानदार धरोहर और प्रतिभाओं को मंच और मौका मुहैया कराना आज समय की मांग है. भारत का हर क्षेत्र और प्रान्त तहजीब, भाषा और संस्कृति की बेहतरीन धरोहर और सांस्कृतिक सद्भाव के सन्देश-सबक से भरपूर है.

श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय की ‘‘हमारी धरोहर” योजना देश के ‘‘सांस्कृतिक सद्भाव समागम’’ में मददगार बनाने के लिए हम काम कर रहे हैं. गज़ल, कविताएं, क़व्वाली, विभिन्न पारम्परिक गीत-संगीत, सुर और साज़ की ताकत के माध्यम से हम मुल्क के सांस्कृतिक सद्भाव और सांस्कृतिक विरासत को तराशने, ताकत देने हेतु रचनात्मक अभियान चलाएंगे.

श्री नकवी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में ‘‘हमारी धरोहर’’ “सांस्कृतिक सद्भाव समागम” के जरिये न केवल नामी-गिरामी, बल्कि प्रतिभा के धनी उन गुमनाम कलाकारों के जरिये भारत में सांस्कृतिक सद्भाव का संदेश एवं उनकी कला-कौशल को मंच दिया जायेगा.
उन्होंने ने कहा कि “हमारी धरोहर” के तहत सुर-साज, शायरी, कव्वाली एवं पारंपरिक गीत-संगीत, लोक नृत्य आदि के कार्यक्रम देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किये जायेंगे. इस संबंध में गठित उच्च स्तरीय समिति कार्यक्रम के स्वरूप, स्थानों, तिथियों, महीनों एवं भाग लेने वाले संगीतकारों, गीतकारों, नृत्यकारों, सुर-साज के उस्तादों एवं अन्य कलाकारों के भाग लेने की संपूर्ण प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी.
“हमारी धरोहर” के तहत “सांस्कृतिक सद्भाव समागम” हेतु समिति में सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान, एक्टर टॉम आल्टर, पंजाबी गायक हंस राज हंस, कत्थक गुरु शोभना नारायन, एक्टर आमिर राजा हुसैन, कवि अशोक चक्रधर, सामाजिक कार्यकर्त्ता कुलसूम सैफुल्लाह, हिंदी कवि गजेंद्र सोलंकी, फिल्म प्रोड्यूसर देवेंद्र खंडेलवाल, लेखक समीर व  रूमी जाफरी, पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार, फिल्म प्रोड्यूसर नितिन मवानी, मंजिरी चतुर्वेदी, गजल गायक पीनाज मसानी, डीजी आईसीसीआर अमरेंद्र खटुआ शामिल हैं. बैठक में इनमे से अधिकांश सदस्य मौजूद रहे. “हमारी धरोहर” के तहत पहला “सांस्कृतिक सद्भाव कार्यक्रम” दिल्ली के पुराने किले में आयोजित करने की योजना है.

 

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