नई दिल्ली. मोदी सरकार ने किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए एक स्कीम शुरू की है. ये ऐसी स्कीम है जिसके जरिए कृषि कार्य के लिए जरूरी मशीनों का बैंक बनाकर उसे तय रेट पर किसानों को मुहैया कराया जाएगा. मोदी सरकार की इस स्कीम का नाम है कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center). इस मशीन बैंक को बनाने के लिए सरकार लागत का 80 फीसदी तक की सरकारी आर्थिक सहायता मिलेगी. किसान इसका लाभ ले सकें इसके लिए सरकार ने एक एप (CHC Farm Machinery) बना दिया है.
ऐप पर ऑर्डर देकर अपनी खेती के लिए जरूरी मशीनरी (औजार) बहुत सस्ते रेट पर घर मंगवा सकते हैं. योजना से जुड़े अधिकारियों को उम्मीद है कि जब किसी मशीन को खरीदने की बजाय किसान को किराए पर मिलेगी तो लागत कम होगी, उनकी आय बढ़ेगी और कर्ज का चक्कर नहीं होगा.
कितनी मदद मिलेगी
-अगर आप निजी कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) बनाएंगे तो सरकार 40 फीसदी पैसे की सहायता देगी. इसमें 60 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट पास करवा सकते हैं. यानी अपने क्षेत्र के किसानों की जरूरत के हिसाब से इतनी रकम की मशीनें खरीद सकते हैं. इस प्रोजेक्ट में 24 लाख रुपये की सरकारी सहायता मिल पाएगी.
-कॉपरेटिव ग्रुप बनाकर आप मशीन बैंक बनाते हैं तो ग्रुप में 6 से 8 किसान होने चाहिए. इसमें 10 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट पास होगा. यानी आपको 8 लाख रुपये तक की सरकारी सहायता मिलेगी. सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसान भाई अपने-अपने राज्य के कृषि विभाग के इंजीनियरिंग डिवीजन में संपर्क कर सकते हैं.
अच्छा एग्रीकल्चर बिजनेस
आप अगर एग्रीकल्चर मशीनरी से जुड़ा बिजनेस करना चाहते हैं, तो इससे हर साल लाखों की कमाई कर सकते हैं. क्योंकि इसके लिए 80 फीसदी तक की सरकारी आर्थिक मदद तो सरकार ही दे रही है. मिलेगी.
-यह ऐप बिल्कुल ओला (Ola), उबर (Uber) की तरह है. मशीनरी का रेट सरकार तय नहीं करेगी. इसे कंपटीशन के लिए छोड़ दिया गया है. यह सुविधा पांच से 50 किलोमीटर के बीच मिलेगी.
-मार्केट में कंपटीशन रहेगा तो किसान को सस्ती और अच्छी सेवा मिलेगी. यदि आपके पास एक भी कृषि यंत्र है तो भी आप उसे किराये पर देने के लिए एप में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं.