नई दिल्ली: आने वाले समय में देश में चुनावों की दशा और दिशा दोनों ही बदल सकती हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को अपनी आय के साथ ही साथ अपने परिजनों की आय का ब्योरा भी देना होगा.
इससे यह भी पता लगेगा कि प्रत्याशियों की पत्नी और बच्चों की आय व संपत्ति कितनी है. शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जे चेलामेश्वर और न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर की बेंच ने यह फैसला दिया है.
बेंच ने कहा कि एक स्वस्थ प्रजातंत्र के लिए जरूरी है कि मतदाता यह जाने कि वह जिस नेता को वोट दे रहा है उसकी और उसके परिवार की कमाई के स्रोत क्या हैं.
आपको बता दें कि एक गैर सरकारी संस्था लोक प्रहरी ने इस संबंध में याचिका दायर की थी. सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई इस याचिका में कहा गया था कि मौजूदा कानून के अनुसार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को सिर्फ अपने नाम से खरीदी गई संपत्ति का ही खुलासा करना होता है.
अब तक ऐसा करना नहीं था अनिवार्य:
अब तक चुनाव लड़ने के लिए भरे जाने वाले फॉर्म 26 में उम्मीदवार को अपने जीवनसाथी और निर्भर के बारे में जानकारी देनी होती है. लेकिन इसमें जीवनसाथी तथा पारिवारिक निर्भर लोगों की आय के स्रोत की जानकारी देना अनिवार्य नहीं था.
चुनाव आयोग ने भी संसोधन करने को कहा था:
कुछ दिन पहले जनवरी महीने में चुनाव आयोग ने भी अदालत से कहा था कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए कुछ बदलाव करना जरूरी है. आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन कर यह व्यवस्था की जानी चाहिए कि सरकार से आर्थिक अनुबंध पर जुड़े व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति न दी जाये.
इतना ही नहीं यदि चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी के परिवार का कोई सदस्य इस प्रकार के अनुबंध में हो तब भी उसकी चुनाव लड़ने की दावेदारी को खारिज किया जाना चाहिए.