डीजीपी का निर्देश: यूपी के थानों पर अब हमेशा रहेगी सीसीटीवी की नजर

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने थानों में लगे सीसीटीवी के संबंध में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं.

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o.p. singh dgp up

लखनऊ: डीजीपी के निर्देशों के अनुसार प्रभारी थानाध्यक्ष रोज अपने थाने के मालखाने का भौतिक सत्यापन करते समय सीसीटीवी को भी चेक करेगा.

 

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने थानों में लगे सीसीटीवी के संबंध में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. यूपी के 1525 थानों मे इंट्री प्वाइंट और कार्यालय में सीसीटीवी लगाये जाने के लिए शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी थी. पहले चरण मे 262 और दूसरे चरण में 786 सहित कुल 1048 थानों में अब तक सीसीटीवी लग चुके हैं. तीसरे चरण में 477 थानों में सीसीटीवी इंस्टॉल किया जा रहा है.

 

डीजीपी के निर्देशों के अनुसार प्रभारी थानाध्यक्ष रोज अपने थाने के मालखाने का भौतिक सत्यापन करते समय सीसीटीवी को भी चेक करेगा. अगर उसमें खराबी है तो फौरन लिखित सूचना देगा. यही नहीं जिले सभी पुलिस अधिकारी ज्यादा से ज्यादा थानों में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे और देखेंगे कि सीसीटीवी ठीक से कार्य कर रहे हैं या नहीं. साथ ही प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जिस तरह टेस्ट एफआईआर होती है, उसी तरह जब भी सीएम से लेकर विभिन्न स्तर तक के सक्षम कार्यालयों के उच्चाधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में कोई व्यक्ति रिपोर्ट दर्ज कराने थाने में जाता है, तो थाने में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी द्वारा उसके साथ अच्छा व्यवहार किया जाए.

 

इस संबंध में थाना कर्मी की अगर शिकायत आती है तो सीसीटीवी फुटेज निकाल कर सम्बन्धित कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए. डीजीपी ने कहा कि किसी भी थाने के सीसीटीवी कैमरा खराब होने की सूचना मिलते ही नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह इसे फौरन ठीक कराए. नोडल अधिकारी द्वारा यह भी देखे कि डीवीआर सुरक्षित स्थान पर रखा है अथवा नहीं. रिकार्डिंग ठीक तरह से हो रही है या नहीं. यही नहीं सीसीटीवी में बिजली सप्लाई लगातार जारी है या नहीं.

 

उन्होंने कहा कि प्रभारी जनपद द्वारा सीसीटीवी की रिकार्डिंग की सूचना जोनल कार्यालय को मासिक रूप से भेजी जाए. वरिष्ठ अधिकारी सामान्य/आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पिछली रिकार्डिंग जो डीवीआर में सुरक्षित है, उसे विशेष तौर पर चेक करें. चेकिंग रजिस्टर में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाये कि कोई अवांछनीय गतिविधि तो नहीं रिकार्ड हुई है. यदि कोई अवांछनीय गतिविधि अनाधिकृत रूप से रिकार्ड में पाई जाती है तो उसको पैन ड्राइव में लेकर रखा जाय और उस पर कार्यवाही के लिए अलग से उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रेषित की जाये. यदि रिकार्डिग में सभी चीजें सामान्य पाई जाती है तो उसका भी स्पष्ट उल्लेख किया जाए.

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