महात्मा गाँधी के सत्याग्रह के बारे में बोले पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा 

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महेश शर्मा , संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार )

NEW DELHI: संस्‍कृति मंत्रालय, गांधी स्‍मृति और दर्शन समिति और गांधी आश्रम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्‍कृति और पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने कहा है कि महात्‍मा गांधी के सत्‍याग्रह के शाश्‍वत दर्शन तभी हो सकते हैं जब समाज के सबसे निचले तबके की भलाई के लिए खड़ा हुआ जाए. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि महात्‍मा गांधी ने अन्‍यायपूर्ण ‘नमक कर’ को खत्‍म करने का आह्वान किया था. महेश शर्मा ने विस्‍तार से बताया कि किस तरह महात्‍मा गांधी ने देश की जनता  को समझाने के लिए नमक को एक माध्‍यम के रूप में चुना और आजादी के जन आंदोलन का नेतृत्‍व किया. उन्‍होंने कहा कि चुटकी भर नमक आजादी का प्रतीक बन गया.

स्वच्छता को अपनाना ही होगी गाँधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि: महेश शर्मा

संस्‍कृति और पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने चंपारण सत्‍याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के आह्वान को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने राष्‍ट्र से अपील की थी कि गांधीजी को सच्‍ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने दैनिक जीवन में स्‍वच्‍छाग्रह को अपनाएं.

राष्‍ट्रीय गांधी संग्रहालय के पूर्व निदेशक डॉ. वाई.पी आनंद की पुस्‍तक का हुआ विमोचन 

उच्‍चस्‍तरीय डांडी स्‍मारक समिति के सदस्‍य और राष्‍ट्रीय गांधी संग्रहालय के पूर्व निदेशक डॉ. वाई.पी आनंद की पुस्‍तक ‘हिस्‍टोरिकल बैकग्राउंड टू द इम्‍पोजिशन ऑफ सोल्‍ट टैक्‍स अंडर द ब्रिटिश रूल इन इंडिया (1757-1947) एंड महात्‍मा गांधीज़ सॉल्‍ट सत्‍याग्रह (1930-31) अगेन्‍स्‍ट द ब्रिटिश रूल’ का विमोचन करने के बाद महेश शर्मा लोगों को संबोधित कर रहे थे. ऐतिहासिक नमक सत्‍याग्रह के बारे में उन्‍होंने गांधीजी के सूक्ष्‍म दृष्टिकोण की चर्चा की, जिसने ऐसी जागरूकता पैदा की, जिसकी तरफ दुनिया का ध्‍यान आकर्षित हुआ.

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