ऊर्जा की मांग पूरा करने में केन्द्र व राज्य सरकार दोनों नाकाम: डा. आहूजा

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Faridabad: भविष्य में ऊर्जा का नया विकल्प क्या हो विषय पर जनजागरूकता अभियान के तहत फरीदाबाद स्थित डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित हुआ. जिसमें महाविद्यालय के यशपाल, पुष्पिता, दिव्या ने पहला स्थान प्राप्त किया. प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता छात्रा-छात्राओं को महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सतीश आहूजा द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया. प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन आफ इंडिया द्वारा किया गया.

इस अवसर पर डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सतीश आहूजा ने कहा कि आज ऊर्जा हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है. इसके बगैर हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं, भविष्य में ऊर्जा बचाने और उसके नये विकल्प की खोज हमे अभी से करनी होगी. आजादी के सालों बाद भी देश में 20 से 25 प्रतिशत लोगों को अन्धकार में अपना जीवन व्यतीत करना पड़ा रहा है. जिसके कारण उन  क्षेत्रों में शिक्षा चिकित्सा सेवा के साथ उद्योग-धंधे प्रभावित हैं, लोग आर्थिक रूप से पिछडे़ हुये है. पिछले एक दशक में भारत में ऊर्जा की मांग में कई गुना ईजाफा हुआ है. इसे पूरा करने में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों नाकाम रहे है.

कार्यक्रम के संचालक संदीप पाल ने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक तरीके से ऊर्जा की आपूर्ति सम्भव नहीं है. भारत में कोयले और गैस के भंडार सीमित हैं तथा जीवाश्म ईंधन प्रचलित बिजलीघरों से उत्पन्न होने वाली ग्रीन हाउस गैसों के प्रति विश्व की बढ़ती चिन्ताओं के कारण आने वाले समय में परमाणु ऊर्जा को प्रोत्साहित करना तथा प्रयोग में लाना अति आवश्यक है. आज युवाओं को बिजली उत्पादन करने के नए तरीकों पर विचार चाहिए. प्रतियोगिता को सम्पन्न कराने में एनपीसीआईएल के कार्यक्रम संचालक संदीप पाल, डीएवी शताब्दी महाविद्यालय की डा. सुनिति आहूजा, डा. शिवानी, डा. बबीता सिंह ने योगदान दिया.

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