Faridabad: नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद के किसानों की पांच गांवों की करीब 600 एकड़ जमीन सैक्टर-75 व 80 के लिए सबसे पहले अधिग्रहित की गई थी. अफसर शाही की वजह से आज तक इस जमीन का कोई भी समाधान नहीं निकाला गया, अफसरशाही के नजरअंदाजी की वजह से प्रदेश सरकार की छवि को काफी नुकसान हो रहा है.
जिसके कारण किसान अफसरशाही के विरूद्घ लामबंद्घ हो रहें है. जब किसानों ने इस जमीन के समाधान के लिए सैक्टर-12, लघुसचिवालय पर काफी समय तक धरने प्रर्दशन किये तो जिला उपायुक्त ने लिखित में कहा था की 15 दिन के अन्दर अन्दर इस समास्या का समाधान कर लिया जायेगा. लेकिन 9 वर्ष बीतने के बाद आज तक नहरपार के किसानों के मामले का कोई निपटारा नहीं हुआ. किसानों की समस्या का समाधान नहीं होने के जिम्मेदार बड़े पदों पर बैठे अधिकारी है. जिनकी तैनाती प्रदेश काग्रेस सरकार के शासन काल में की गई थी.
किसानों के प्रतिनिधि मण्डल ने कई बार हुडा प्रशासक, जिला उपायुक्त व पंचकूला में वित्त आयुक्त से भी मुलाकात कर चुके है जिसमें किसानों को आश्वासन दिया गया कि उनका यह मामला एक महीने के अन्दर अन्दर निपटा दिया जायेगा और नहरपार के किसानों से शपथ पत्र ले लिए गये. लेकिन 6 महीने बीतने के बाद आज तक कोई समाधान नहीं निकाला गया. नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ ने कहा कि प्रदेश की मौजूदा विकासशील सरकार की छवि को काग्रेंस शासन काल में नियुक्त आला अधिकारी खराब करने में अमादा है.