कृषि और किसानों को इनोवेटिव समाधान देने वाली परियोजनाओं को दिया जायेगा सरकारी सहयोगः जोशी

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फरीदाबाद। हरियाणा उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी ने युवा इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों से आग्रह किया है कि वे सरकार और प्राथमिक क्षेत्र, विशेषकर कृषि को कोरोना महामारी संकट से निपटने के लिए नवीन समाधान प्रदान करें। उन्होंने विद्यार्थियों की ऐसी समाधान आधारित परियोजना के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करवाने का आश्वासन भी दिया।
महानिदेशक श्री जोशी जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए फरीदाबाद की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आत्मनिर्भर भारत हैकाथॉन प्रतियोगिता के शुभारंभ पर कोरोना महामारी के उपरांत स्टार्ट अप अवसरों को लेकर वेबिनार को संबोधित किया।
वेबिनार की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। इवेंट का आयोजन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के अध्यक्ष डाॅ. लखविन्दर सिंह, डाॅ सपना गंभीर, टीईक्यूआईपी परियोजना निदेशक डॉ. विक्रम सिंह और एलुमनाई एवं कॉर्पोरेट अफेयर सेल के निदेशक डॉ. संजीव गोयल की देखरेख में किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत हैकाथॉन प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों की 58 टीमों के 200 से ज्यादा विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया है।
महानिदेशक श्री जोशी ने कहा कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बावजूद, कृषि क्षेत्र ही ऐसा क्षेत्र है जो सुचारू रूप से काम कर रहा है और इस पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं है। हालांकि, उन्होंने कृषि क्षेत्र में सप्लाई चेन नेटवर्क को संपर्क रहित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि कृषि क्षेत्रों और किसानों के लिए ऐसे समाधान बनाए जा सकते हैं, तो ऐसे समाधानों को आगे ले जाने तथा सरकारी स्तर पर लागू करवाने की संभावनाओं पर काम किया जा सकता है।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कोरोना महामारी के उपरांत उत्पन्न स्टार्ट-अप अवसरों का लाभ उठाने के लिए इनोवेशन तथा उद्यमशीलता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश को कोरोना संकट से निकालने के लिए युवा इंजीनियरों से बड़ी उम्मीदें हैं।
अजय शर्मा द्वारा चर्चा किया गया जिसमें स्थानीय समस्याओं के लिए स्थायी समाधान प्रदान करने के अवसरों का पता लगाने पर केंद्रित था।
पैनल चर्चा के दौरान कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रवासी मजदूरों के समस्या के लिए समाधान देने पर बल दिया।
रमीश कैलासम ने सरकार द्वारा व्यवसाय को सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू किये गये नीतिगत ढाँचे में बदलावों को लेकर चर्चा की।

विनिर्माण उद्योग के विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने कोरोना महामारी के उपरांत विनिर्माण क्षेत्र में पैदा होने वाले नए अवसरों और संभावनाओं के बारे में बताया।
हरियाणा सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स, और संचार विभाग में संयुक्त मुख्य सूचना और प्रौद्योगिकी अधिकारी सुनील वट्टल ने महामारी के कारण उभर रही समस्याओं और लोगों के जीवन के दृष्टिकोण और परिवर्तित प्राथमिकताओं पर उनके दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में कम से कम शारीरिक संपर्क और सामाजिक दूरी बनाते हुए कामकाज पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
सिनोप्सिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के विवेक मित्तल ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग भविष्य को बेहतर बनायेगा। अधिक से अधिक कंपनियां मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाएंगी। अंत में कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा विशेषज्ञ वक्ताओं का आभार जताया। वेबिनार के अंत में प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों कोे कोरोना महामारी के उपरांत उत्पन्न होने वाले विभिन्न स्टार्ट-अप अवसरों के बारे में विशेषज्ञों ने जानकारी दी।

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