राज्यपाल ने सीएम से पूछा गायत्री कैसे मंत्री

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LUCKNOW: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक महिला तथा उसकी नाबालिग पुत्री के साथ अपने साथियों सहित सामूहिक दुष्कर्म के आरोप को संज्ञान में लिया और गायत्री सहित उनके साथियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

राज्यपाल ने कहा कहा है कि इस प्रकार के मंत्री के कैबिनेट में बने रहने तथा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से लोकतांत्रिक शुचिता, संवैधानिक मर्यादा और संवैधानिक नैतिकता पर गंभीर प्रश्न खड़ा होता है।

सूत्रों की माने तो राज्यपाल के पत्र में मुख्यमंत्री से यौन शोषण के आरोपी गायत्री प्रजापति के मंत्री बने रहने पर सवाल किया गया है.  राज्यपाल के पत्र में लिखा गया है कि प्रजापति के कैबिनेट में बने रहने के औचित्य पर मुख्यमंत्री उन्हें अपने अभिमत से उन्हें जल्द से जल्द अवगत करायें।

मीडिया सूत्रों के अनुसार राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि मीडिया में आयी खबरों के अनुसार फरार चल रहे कैबिनेट मंत्री के विदेश भाग जाने की आशंका को देखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया है।

विदेश भाग जाने की आशंका के कारण ही पासपोर्ट अधिकारी द्वारा गायत्री का पासपोर्ट भी निलंबित कर दिया गया है ताकि वे विदेश न भाग सकें । प्रजापति के ऊपर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री जैसे जिम्मेदार और संवैधानिक पद पर रहते हुए कथित रूप से किया गया अपराध नितांत गंभीर प्रकृति की घटना है।

क्या है मामला :

यूपी सरकार के मंत्री और मुलायम सिंह के करीबी गायत्री प्रजापति पर एक महिला ने आरोप लगाया था की गायत्री और उसके कई साथियों ने महिला और उसकी बेटी का वर्षों तक यौन शोषण किया. महिला पहले मामला दर्ज करवाने के लिए काफी दिनों तक पुलिसे थाने का चक्कर लगाती रही लेकिन मामला दर्ज न होने के कारण महिला कोर्ट की शरण में गयी. कोर्ट के निर्देश के अनुसार गायत्री पर मामला दर्ज किया गया.

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