नई दिल्ली: गृह मंत्रालय के तहत साइबर कॉर्डिनेशन सेंटर (साइकॉर्ड) ने निजी व्यक्तियों द्वारा जूम मीटिंग प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग पर परामर्शी जारी किया है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि यह प्लेटफॉर्म सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा आधिकारिक उद्देश्यों हेतु उपयोग के लिए नहीं है.
दस्तावेज में इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) के आरंभ के परामर्शों का संदर्भ दिया गया है और कहा गया है कि जूम सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है. ये दिशानिर्देश उन निजी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए जारी किए गए हैं जो अभी भी निजी उद्वेश्यों के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करना चाहेंगे.
इस परामर्शी का व्यापक उद्देश्य जूम कॉन्फ्रेंस रूम में किसी भी अनधिकृत प्रवेश को रोकना और अनधिकृत प्रतिभागियों को कांफ्रेंस में अन्य यूजर्स के टर्मिनलों पर दुर्भावनापूर्ण हमले करने से बचाना है.
गृह मंत्रालय के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर द्वारा ताजा एडवाइजरी जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि अगर लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो सतर्कता बरतें.
CyCord की गाइडलाइन
– हर मीटिंग के लिए नया यूजर आईडी और पासवर्ड सेट करें.
– ‘वेटिंग रूम’ फीचर ऑन करें. इससे मीटिंग में लोग तभी आ पाएंगे, जब होस्ट अनुमति देगा.
-‘ज्वॉइन बिफोर होस्ट’ फीचर ऑफ कर दें. ऐसा करने से कोई भी यूजर होस्ट से पहले मीटिंग में नहीं आ पाएगा.
– स्क्रीन शेयरिंग बाय होस्ट ऑनली फीचर ऑन रखें.
– अलो रिमूव्ड पार्टिसिपेंट्स टू री-ज्वॉइन फीचर को बंद कर दें.
– अगर जरूरत न हो, तो फाइल ट्रांसफर का ऑप्शन बंद कर दें.
– एक बार सभी लोग मीटिंग में आ जाएं, तो मीटिंग को लॉक कर दें.
– रिकॉर्डिंग फीचर ऑफ रखें.
– अगर आप एडमिनिस्ट्रेटर हैं, तो मीटिंग को सिर्फ छोड़े नहीं, उसे बंद करें.
आपको बता दें कि लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम के दौरान वीडियो कॉलिंग/कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है. विभिन्न कंपनियों के कर्मचारी इसका काफी इस्तेमाल कर रहे हैं. एक साथ कई लोगों को साथ लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इसे काफी पंसद किया जा रहा है.