नई दिल्ली: देश की सियासत में 2019 के आम चुनाव के लिए राजनीतिक बिसात बिछाई जाने लगी है. कुछ दिनों पहले ही केंद्र के मंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले उपेंद्र कुशवाहा अब महागठबंधन के साथ हो गए हैं. बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नें कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने का एलान कर दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल नें कुछ दिनों पहले ही कुशवाहा से उनके घर पर मुलाक़ात की थी इसके बाद से ही इसकी संभावना व्यक्त की जा रही थी कि कुशवाहा बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव महागठबंधन के साथ लड़ सकते हैं.
मालूम हो कि रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज़्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज़ थे. उन्होंने मोदी और अमित शाह से मिलने का समय भी मांगा लेकिन वे नहीं मिले. इसके कुछ दिनों बाद 10 दिसंबर को उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और साथ ही एनडीए से भी नाता तोड़ लिया था. एनडीए से अलग होते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि मोदी सरकार ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है और संघ के एजेंडे को लागू किया जा रहा है. देश के शिक्षण संस्थानों में संघ के लोगों की भर्ती की जा रही है.
बृहस्पतिवार को कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के रणनीतिकार अहमद पटेल ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का यूपीए में स्वागत करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘बिहार में पहले से गठबंधन था और आज उसमें उपेंद्र कुशवाहा जी शामिल हुए हैं. हम उनका स्वागत करते हैं.’

मालूम हो कि कांग्रेस ने इसलिए कुशवाहा को अपनी तरफ शामिल करने में देर नहीं लगाईं क्योंकि बिहार में लगभग 10 परसेंट कुशवाहा वोटर हैं, और उपेन्द्र वहां इस वर्ग के सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरें हैं. इसलिए उनके जाने से एनडीए खेमें में बेचैनी बढ़ गई है. माना जाता है कि अभी तक इस वर्ग का कोई बड़ा नेता ना होने से इसका पूरा फायदा लवकुश कार्ड के माध्यम से 3 परसेंट कुर्मी वोटर वाले नीतीश कुमार लेते रहे हैं. वो कुर्मियों को लव और कुशवाहों को कुश बताते रहे हैं.
कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ‘बिहार और देश की चिंता करते हुए कुशवाहा जी ने राजग से नाता तोड़ा और आज हमारे साथ जुड़ रहे हैं. उन्होंने बिहार और पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में यह फैसला किया है. हम अपने परिवार में तहेदिल से उनका स्वागत करते हैं.’ राजद नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाहा को बधाई देते हुए कहा कि सभी दल ‘देश और संविधान बचाने’ के लिए एकजुट हुए हैं.
उपेन्द्र कुशवाहा ने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार की हर सभा में मोदी कहा करते थे कि पढ़ाई, दवाई और कमाई के लिए बिहार के लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन चार साल बाद हालात जस के तस हैं. तीनों वादे पूरे नहीं हुए है. बिहार के लोगों को आज भी पढ़ाई, दवाई और कमाई के लिए बिहार से बाहर जाना पड़ रहा है.
जनहित की आवाज पर आज #यूपीए #महागठबंधन में शामिल हुआ। #बिहार में पढाई, कमाई और दवाई की व्यवस्था हो, इसके लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करते रहें हैं, और आगे भी करते रहेंगे। pic.twitter.com/VGO6ZSIkHw
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) December 20, 2018
इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि एक तरफ पहले मेरा अपमान किया गया तो दूसरी तरह बाहें फैसाकर स्वागत किया गया. राहुल गांधी और लालू यादव की तरफ से जो उदारता दिखाई गई, उसके लिए आभारी हूं. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने मुझे नीच कहकर भी अपमानित किया. 2 फरवरी को पटना में हम आंदोलन करेंगे. शिक्षा सुधार हमारी पहली मांग होगी. पांच सूत्रीय कार्यक्रम की मांग भी हम करेंगे.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए से अलग होते समय भी मैंने कहा था कि विकल्प खुले हैं और आज हमने यूपीए में आने का फैसला कर लिया. उन्होंने आगे कहा कि मैंने हमेशा बिहार के सामाजिक न्याय की चिंता की है, बिहार में लोगों का, युवाओं का दूसरे प्रदेशों में पलायन जारी है, ये ठीक नहीं है. बिहार के विकास के लिए हमारी पार्टी प्रतिबद्ध है. कुशवाहा ने तीन राज्यों में किसानों की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस की सराहना की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपने वादे को पूरा किया. उनकी कथनी और करनी में समानता है.