NEW DELHI: पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव की दया याचिका खारिज कर दी है. अब पाक सेना प्रमुख जाधव के खिलाफ साक्ष्यों का विश्लेषण करेंगे इसके बाद गुण-दोष के आधार पर उनकी अपील पर फैसला लिया जाएगा. हालांकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी की सजा की तामील पर फ़िलहाल रोक लगा रखी है.
पाकिस्तान ने अबतक नहीं दी है कुलभूषण को कानूनी मदद:
पाकिस्तान के नापाक इरादों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अभी तक कुलभूषण जाधव को (काउंसलर एक्सेस) कानूनी मदद मुहैया नहीं कराई है. भारत ने काउंसलर एक्सेसे का मुद्दा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी उठाया था. आईसीजे ने भी पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की बात कही थी.
कुलभूषण जाधव के पास अब ये हैं रास्ते:
एक जून को पाकिस्तान ने कहा था कि कुलभूषण जाधव को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी जब तक उनकी सभी दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती. दया याचिका दाखिल करने के अधिकार की बात करें तो कुलभूषण पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रपति तक से दया याचिका दायर कर मदद की अपील कर सकते हैं. यहाँ बताना जरुरी होगा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से पहले ही दया याचिका दायर कर मदद की गुहार लगा चुके हैं. बाजवा के फैसले के बाद कुलभूषण पाकिस्तान के राष्ट्रपति से भी दया की गुहार लगा सकते हैं.
ये है पूरा मामला :
जाधव को पाकिस्तान द्वारा पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था, तथा पाक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी करने तथा विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त होने का दोषी करार दिया था. भारत का कहना है कि भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुके कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह व्यापार कर रहे थे. जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ भारत ने आईसीजे का रुख किया था. उसके बाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान ने कहा था कि भारतीय नागरिक को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी, जब तक उसकी सभी दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती.