नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने प्रोफेसनल स्टडीज को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसके लिए जल्द ही स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एवं स्कूल ऑफ अर्थ साइंस खोलने खोलने की तैयारी है. जिसके तहत कृषि,भूगोल, रिमोट सेंसिंग आदि की पढ़ाई होगी.
यह बात विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने कही. वह नोएडा सेंटर का निरीक्षण करने आए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय को आगे बढ़ने की बहुत संभावना है. क्योंकि इसमें न तो उम्र की सीमा है और न ही हाजिरी की बाध्यता.
समय की आवश्यकता को देखते हुए उद्यमिता व रोजगार की संभावना को नजर में रखकर वर्तमान में चल रहे पाठ्यक्रमों की समीक्षा की जा रही है. अब ऐसे पाठ्यक्रमों की जरूरत है जिससे रोजगार मिले और जीवन आसान हो. कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. इसलिए कृषि विज्ञान से जुड़े डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किए जाएंगे.
यूपी में निवेश की बढ़ती संभावना को देखते हुए उद्योगपतियों से संवाद स्थापित करके उनकी आवश्यकता के अनुरूप कोर्स शुरू किए जाएंगे. जिससे रोजगार की संभावना बढ़ेगी. सिंह ने कहा कि परंपरागत विश्वविद्यालयों में डिस्टेंस की पढ़ाई बंद होनी चाहिए. वहां पर सिर्फ रेगुलर पढ़ाई हो और डिस्टेंस से पढ़ने की इच्छा रखने वाले लोग सिर्फ ओपन यूनिवर्सिटी से ही पढ़ाई करें.
यह विश्वविद्यालय इसलिए बनाया गया है ताकि वंचित लोग काम करते हुए उच्च शिक्षा ग्रहण कर समाज और देश को लाभान्वित कर सकें. उन्होंने कहा कि जो लोग सेना में हैं, उद्योग,व्यापार या कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं और नियमित रूप से शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं उनके लिए यह बड़ा प्लेटफार्म है.
के.एन. सिंह नें कहा कि अभी इस यूनिवर्सिटी के 10 अध्ययन केंद्र चल रहे हैं लेकिन जल्द ही मंडल स्तर पर भी खोले जाएंगे. ताकि अधिक लोगों तक उच्च शिक्षा पहुंच सके. यही नहीं इस विश्वविद्यालय से पढ़कर अच्छे पदों पर काम कर रहे छात्रों का सम्मेलन भी करवाया जाएगा. ऐसे कार्यक्रम हर रीजनल सेंटर पर होंगे.