NEW DELHI:
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने रियल एस्टेट क्षेत्र के डेवलपरों से किफायती आवास वाली परियोजनाओं का काम बड़े पैमाने पर शुरू करने के लिए कहा है। वेंकैया नायडू पीएचडी चैम्बर द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। समारोह को संबोधित करते हुए नायडू नें कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर का भविष्य किफायती आवास में ही निहित है. सरकार का फोकस मध्यम आय वाले समूहों सहित सभी लोगों के लिए आवास सुनिश्चित करने पर है, जिसके तहत समाज के निचले तबकों के साथ-साथ मध्यम आय वाले लोगों के लिए भी आवास उपलब्ध कराने के अवसर बनें. नायडू ने यह भी कहा कि सरकार ने किसी भी अन्य क्षेत्र (सेक्टर) की तुलना में रियल एस्टेट सेक्टर पर ही ज्यादा ध्यान दिया है। इसके तहत रियल एस्टेट (अचल संपत्ति) सेक्टर में नई जान फूंकने के लिए पिछले दो वर्षों के दौरान 20 से भी ज्यादा मददगार उपायों की घोषणा की गई है, जिनमें किफायती आवास के लिए बहुप्रतीक्षित ढांचागत दर्जे के साथ-साथ अनेक तरह की कर रियायतें और छूट भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर तबकों, कम आमदनी वाले समूहों और 18 लाख रुपये तक की वार्षिक कमाई वाले मध्यम आय समूहों के लोगों को भी प्रति लाभार्थी 2.35 लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता के योग्य माना गया है। नायडू ने कहा, ढांचागत दर्जे के तहत कम लागत वाले दीर्घकालिक वित्त पोषण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली कर रियायतों एवं केंद्रीय सहायता और इन तबकों की आवास संबंधी व्यापक जरूरतों ने किफायती आवास को सर्वोत्तम निवेश अवसर के रूप में तब्दील कर दिया है। ऐसे में इन अवसरों से लाभ न उठाने का कोई और बहाना अब डेवलपरों के पास नहीं रह गया है।’ नायडू ने कहा कि सरकार के विभिन्न कदमों से एक नया रियल एस्टेट परितंत्र विकसित हुआ है जो स्वरूप, विश्वसनीयता, विश्वास और नकदी पर आधारित है. नायडू ने बताया कि आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने अब तक लगभग 90,000 करोड़ रुपये के निवेश और तकरीबन 25,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ शहरी गरीबों के लिए 16 लाख से भी ज्यादा किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने निजी डेवलपरों द्वारा अब तक किसी भी परियोजना का काम शुरू न किये जाने पर चिंता जताई. |