चंडीगढ़। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद सरकार द्वारा सरसों व गेहूं की खरीद व्यवस्थित तरीके से की जा रही है। मॉनिटरिंग तथा निगरानी के फलस्वरूप ही कल तक 71 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ तथा 7.58 लाख मीट्रिक टन सरसों की रिकॉर्ड खरीद संभव हो सकी है। इसके अलावा, 4,422 मीट्रिक टन से अधिक चने की खरीद की जा चुकी है तथा किसानों के भुगतान के लिए पूल अकाउंट के माध्यम से 7500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है।
दुष्यंत चौटाला, जिनके पास खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का कार्यभार भी है, ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के कुछ नेताओं को लॉकडाउन के बावजूद सुचारू रूप से चल रही खरीद प्रक्रिया हजम नहीं हो रही और वे किसानों को गुमराह करने के लिए मीडिया में तरह-तरह की ब्यानबाजी कर रहे हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि किसान को उसकी गेहूं की फसल की खरीद का भुगतान तथा आढ़ती को उसकी ढ़ाई प्रतिशत आढ़त का भुगतान साथ-साथ हो, इसके लिए 22,000 करोड़ रूपये का कैश क्रेडिट का प्रबंध पहले ही किया जा चुका है।
श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ज्यों-ज्यों मंडियों से खरीद की गई गेहूं का उठान गोदामों के लिए होता है त्यों-त्यों किसानों व आढ़तियों दोनों का भुगतान उठान के तीसरे या चौथे दिन हो जाता है। उन्होंने कहा कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों पर केन्द्र सरकार की गेहूं, चना, जौं, धान, ज्वार, बाजरा तथा मक्का जैसे खाद्यान्नों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन में हरियाणा देश का एक प्रमुख राज्य है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पर दी गई जानकारी के अनुसार कितनी भी ऊपज ला सकता है, इसके लिए कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हमेशा से ही गेहूं की खरीद मुख्य रूप से चार सरकारी खरीद एजेंसियों खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, हरियाणा भाण्डागार निगम तथा केन्द्रीय एजेंसी भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जाती है जिसमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा 25 प्रतिशत, हैफेड द्वारा 45 प्रतिशत, हरियाणा भाण्डागार निगम द्वारा 18 प्रतिशत तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 12 प्रतिशत की खरीद की जाती है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गेहूं के लिए इस बार मंडियों की संख्या जो आरंभ में 389 थी, इसमें 1507 नए अतिरिक्त केन्द्र की व्यवस्था कर 1895 किया गया, जबकि सरसों के लिए इसे 71 मंडियों में 112 नए खरीद केन्द्र जोड़ कर 182 किया गया। इसी प्रकार, चने के लिए भी 30 मंडियां या खरीद केन्द्र स्थापित किए गए। उन्होंने बताया कि गेहूं की खरीद 1925 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों की 4425 रुपये प्रति क्विंटल तथा चने की 4875 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ खरीद की जा रही है।