कृषि क्षेत्र और किसान को आगे बढ़ाना है तो सरकार को करने होंगे ये बड़े सुधार

जमाखोरों और आढ़तियों का एकाधिकार खत्म करके किसानों को आगे बढ़ाना है तो खत्म करना होगा एपीएमसी एक्ट. बढ़ानी होंगी मंडियां और वेयरहाउस

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विनोद आनंद

नई दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार किए जाने के संकेत दिए हैं। सरकार को हमारा सुझाव है कि खेती की सप्लाई चेन को दुरुस्त किया जाए। मंडियों की संख्या बढ़े और चोरी का प्रॉपर इंतजाम हो। सप्लाई चेन ठीक न होने की वजह से बिचौलिए किसानों को वादी की कगार पर ले जा रहे हैं।

सरकार की मंशा यदि वास्तव में किसानों को लाभ पहुंचाने की है तो उसे एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी एक्ट (एपीएमसी अधिनियम) को खत्म करना होगा। ताकि जमाखोरों का नेटवर्क ध्वस्त हो। किसान खुले माहौल में अपना माल खुद भी कहीं न कहीं बना सकते हैं। एपीएमसी एक्ट के प्रावधानों की वजह से किसान नजदीकी मंडी में ही फसल बेच सकता है। यह किसानों को खत्म कर देता है, अपनी उपज को भी बेच देता है।

एपीएमसी एक्ट की वजह से मंडियों में किसानों की जगह आढ़तियों और बिचौलियों का बोलबाला है। आढ़तियों का एकाधिकार है। एपीएमसी सस्पेंड होगा तब किसानों को अपने कृषि उत्पाद बेचने के लिए ज्यादा विकल्प मिलेंगे। इससे उनका आय बढ़ेगा। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का टारगेट रखा हुआ है।

दरअसल, यह एक्ट इसलिए लागू किया गया था ताकि किसान बिचौलियों के चंगुल में न फंस जाए, लेकिन हुआ इसके विपरीत। वे आढ़तियों और जमाखोरों की कुइल व्यवस्था में फंसकर शोषण का शिकार हो रहे हैं। क्योंकि वे बोली बहुत कम कीमत पर लगाते हैं। दूसरी ओर उन्हें कमीशन अलग से देना पड़ता है।

मेरी सरकार से ये भी मांग है कि अगर सरकार किसान और गांवों को मजबूत करना चाहती है तो उसे सभी 2.5 लाख पंचायतों में मकान बनाने होंगे। मंडियों का विस्तार करना होगा। सवा सौ करोड़ की आबादी वाले देश में अभी भी 7000 मंडियां हैं। जबकि कम से कम 42,000 मंडियों की जरूरत है। इसके बाद किसान को उचित बाजार और उसके उत्पाद का सही मूल्य मिलेगा।

किसी भी कृषि उत्पाद की कितनी मांग है और इसका कितना उत्पादन है, इसका रियल टाइम डेटा किसान को मिलना चाहिए। ऐसा हुआ तो वे औने-पौने दाम पर अपनी उपज नहीं बेचेगा। कमोडिटी कारोबारियों को इसकी जानकारी होती है इसलिए वे फायदा कमाते हैं, जबकि उत्पादन करने वाला किसान इतनी मेहनत करने के बाद भी ठगा रह गया है। इसलिए किसानों को उत्पादन और मांग का डसबोर्ड उपलब्ध करवाना चाहिए। सरकार चाहे तो हमारे संगठन को देश के दो जिलों को इस काम के लिए दे दे। हम वहाँ इसका एक आदर्श मॉडल बनाकर दिखाएंगे।

(लेखक राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक सदस्य हैं)

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