उत्तर प्रदेश के 305 प्रवासी श्रमिकों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए: राज्य सरकार

प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ''प्रवासी कामगारों के लिए एक व्यवस्था की गयी है. आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर उनका हालचाल पूछती हैं. सर्वेक्षण के आधार पर डेटाबेस तैयार किया जाता है और फिर चिकित्सा विभाग आगे की कार्रवाई करता है.’’

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प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से उत्तर प्रदेश के जिलों में पहुंचे 2 लाख 62 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों और कामगारों का आशा कार्यकर्ताओं ने सर्वेक्षण किया है, जिनमें से 305 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई ना कोई लक्षण पाया गया है.

प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ”प्रवासी कामगारों के लिए एक व्यवस्था की गयी है. आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर उनका हालचाल पूछती हैं. सर्वेक्षण के आधार पर डेटाबेस तैयार किया जाता है और फिर चिकित्सा विभाग आगे की कार्रवाई करता है .’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक आशा कार्यकर्ताओं द्वारा दो लाख 62 हजार 638 प्रवासी कामगारों का सर्वेक्षण किया जा चुका है और 305 लोगों में कोरोना वायरस का कोई ना कोई लक्षण मिला है. उनके नमूने एकत्र कर जांच कराई जा रही है.” उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय 1,871 मरीज पृथक वार्ड में हैं, जबकि 9,911 लोग पृथक-वास केंद्रों में रखे गये हैं. संक्रमित लोगों में 74.6 प्रतिशत पुरूष और 25.4 प्रतिशत महिलाएं हैं.

प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में संक्रमण से अब तक 92 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा एक बार में 25 नमूने तक की ‘पूल टेस्टिंग’ करने की अनुमति दी गयी है. प्रदेश में जो प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आ रहे हैं, उनकी ‘थर्मल स्क्रीनिंग’ की जा रही है.

प्रमुख सचिव ने बताया कि निजी चिकित्सकों और अस्पतालों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया था कि उनके नर्सिंग होम के पंजीकरण को छह महीने के लिए बढा दिया जाए. इस बारे में आदेश जारी कर दिये गये हैं. पहले भी उनका नर्सिग होम का पंजीकरण 30 जून तक बढा दिया गया था. अब इसे 31 दिसंबर तक के लिए बढा दिया गया है.

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