LUCKNOW: अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेशं के प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल राम नाईक से मिलकर उत्तर प्रदेश राज्य संरक्षण आयोग की अध्यक्ष/ चेयरमैन जूही सिंह को हटाने की मांग की है। प्रतिनिधि मण्डल का आरोप है कि जुही सिंह समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता के रूप में कम करती है इसलिए उन्हें इस पद से हटाना चाहिये इस पद पर ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति होनी चाहिये जो किसी पार्टी के लिए काम न करता हो और निष्पक्ष हो. प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने राज्यपाल को सम्बोधित अपने ज्ञापन में बताया है कि जूही सिंह उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष/चेयरमैन है। आयोग का गठन बच्चों के खिलाफ होने वाली मानवधिकार हनन की घटना तथा उनके संरक्षण के लिए किया गया है। चेयरमैन के पद पर ऐसे व्यक्ति को नियुक्त होना चाहिए जो किसी पार्टी धर्म या सप्रदाय के लिए काम न करें और निष्पक्ष हो। श्रीमती जूही सिंह सपा के प्रवक्ता के रूप में काम करती है और विभिन्न न्यूज चैनलों और समाचार पत्रों में समाजवादी पार्टी का पक्ष रखती है। यही नहीं महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अत्याचार के घटनाओं पर भी उन्हें प्रदेश सरकार का बचाव करते हुए देखा जाता है। अध्यक्ष के रूप में इनका यह कृत्य बालधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 7(ई) का उलंघन है।
अधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने बताया कि राज्यपाल ने यथोचित कार्यवाही के लिए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को आदेशित किया है।
प्रतिनिधि मण्डल में कुलदीप पति त्रिपाठी, राम प्रताप सिंह चैहान, श्री प्रकाश सिंह, दिनेश चन्द्र त्रिपाठी, श्याम बहादुर सिंह, लाल बहादुर पाण्डेय थें।
कौन हैं जूही सिंह :
उप्र. राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरमैन होनें के साथ ही समाजवादी पार्टी की बड़ी महिला नेत्री और पार्टी की प्रवक्ता है जूही सिंह. पिछले दिनों जब मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर निकाल दिया था तो जूही सिंह ने अखिलेश के समर्थन में स्तीफा दे दिया था. जूही सिंह टीवी चैनलों पर पार्टी का पक्ष रखती हैं.