राज्य सरकार हिंदूवादी संगठनों के विरुद्ध कार्य कर रही है

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Faridabad: केरल में मई 2016 में माकपा की सरकार आने के बाद से हिन्दू संगठनों के विरुद्ध हिंसक और जानलेवा हमलों में बेतहाशा वृद्धि हुई. मुख्यमंत्री के संरक्षण में माकपा के कार्यकर्ता अपने राजनीतिक विरोधियों और हिंदूवादी संगठनों के विरुद्ध कार्य कर रही है. राष्ट्रपति से हम प्रार्थना करते हैं कि दोषियों के विरुद्ध सख्त एवं समुचित कार्यवाही की जाये और केरल की जनता के लिए सुरक्षा व शांति का वातावरण तैयार किया जाए. उक्त विचार राष्ट्रीय एकता मंच के प्रधान गोपाल दत्त ने आज फरीदाबाद में सेक्टर 12 स्थित उपायुक्त कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए व्यक्त किये.

केरल में माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा हिन्दू संगठनों व कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों के विरोध में सेक्टर 12 में उपायुक्त कार्यालाय के बाहर भारी संख्या में लोग एकत्र हुए. उपायुक्त महोदय के माध्यम से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नाम एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपते समय भारत माता की जय, वंदे मातरम्, केरल हो या गोहाटी-अपना देश अपनी माटी, देश की रक्षा कौन करेगा-हम करेंगे हम करेंगे, कन्नूर के हत्यारों को फांसी दो फांसी दो, केरल सरकार होश में आये होश में आये, आदि नारों और देशभक्ति के जोशीले गीतों से पूरा वातावरण गूंज उठा.

इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् के जिला उपाध्यक्ष कालीदास ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि हाल ही में केरल में विशेष रूप  से कन्नूर जिले में माकपाइयों के हाथों अनेक हिंदुओं की निर्मम हत्याएं हो चुकी हैं. वहां पर साम्यवाद की खोखली विचारधारा से ऊब कर भारी संख्या में लोग राष्ट्रवादी संगठन आरएसएस व भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं. हिन्दू  स्वभाव से उदार, अहिंसक व सहिष्णु होता है, लेकिन कोई हमारी इस उदारता और सहिष्णुता को हमारी कमजोरी न समझे. 

सामाजिक समरसता मंच के संयोजक कर्नल समर सिंह ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि आज पूरे देश में एक ही समय पर सभी जिला केंद्रों पर इस प्रकार के प्रदर्शन हो रहे हैं क्योंकि केरल में मार्क्सवादी हिंदुओं पर आक्रमण कर अपनी पाशविकता का परिचय दे रहे हैं. अब हमें कम्युनिस्टों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा. केरल के हालात जल्दी नहीं सुधरे तो  हम ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए तैयार हैं.

भाजपा के जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में धराशायी हो चुके कम्युनिष्ट भारत में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं और अपने गिरते हुए जनाधार को बचाने के लिए अनैतिक साधनों का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन अब हम कभी इनके मंसूबे पूरे नहीं होने देंगे. जीत सिंह भाटी ने कहा कि केरल के हालात  बद से बदतर हो गए हैं, हिन्दू संगठनों के पांच कार्यकर्ताओं निखिल, संतोष, महेश, सुरेश बाबू और सुरेन्द्रन की हत्या पाशविकता की सारी सीमा लांघ गई है. वैचारिक विरोधियों के विरुद्ध मार्क्सवादियों का यह घिनौना व्यवहार किसी से छुपा नहीं है.

शिक्षा उत्थान न्यास से डा अलोक दीप,  भाजपा से शिवदत्त वशिष्ठ, अनीता शर्मा, लघु उद्योग भारती से रवि खत्री, ग्राहक पंचायत से प्रदीप बंसल आदि ने भी रोष प्रकट करते हुए अपने विचार व्यक्त किये. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारत स्वाभिमान,  सनातन संस्था,  संस्कार भारती, सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, सर्व इंडिया फाउंडेशन, प्रगति इंडिया, रामा कृष्ण फाउंडेशन, भारतीय किसान संघ सहित अनेक सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने प्रदर्शन में भाग लिया.

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