भारत के हेल्थ रिसर्च बजट से ज्यादा है सुंदर पिचाई की सैलरी!

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सुंदर पिचाई , फोटो- फेसबुक

नई दिल्ली: गूगल और उसकी पैरेंटल कंपनी अल्फाबेट के सीईओ भारतीय मूल के सुंदर पिचाई साल-दर-साल कामयाबी की नई कहानी गढ़ रहे हैं. अल्फाबेट इंक ने उनकी आमदनी को लेकर एक आंकड़ा सार्वजनिक किया है. एक नियामक फाइलिंग में अल्फाबेट इंक ने खुलासा किया है कि कंपनी से सीईओ सुंदर पिचाई को 2019 में कुल 28.1 करोड़ डॉलर यानी 2,144.53 करोड़ रुपये की सैलरी मिली. दुनिया में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले CEO सुंदर पिचाई बन गए हैं.

सुंदर पिचाई को जितनी सैलरी गूगल और अल्फाबेट कंपनी की ओर से मिली है, उससे कम भारत सरकार सालाना स्वास्थ्य रिसर्च पर खर्च करती है. भारत सरकार ने 2020-21 में स्वास्थ्य रिसर्च पर 2122 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. इसमें से 85 फीसदी इंडियन कॉन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को दिए गए हैं. यही संस्था कैंसर, हर्ट अटैक, डायबिटीज समेत सभी बीमारियों पर रिसर्च करती है. साथ ही कोरोना पर भी यही संस्था रिसर्च में जुटी है.

सुंदर पिचाई को लेकर अल्फाबेट ने जानकारी दी है कि इस साल उनका वेतन बढ़कर 20 लाख डॉलर (15.26 करोड़ रुपये) हो जाएगा. पिचाई की सैलरी अल्फाबेट कर्मचारियों के औसत कुल वेतन के 1085 गुना है. पिचाई की सैलरी का बहुत बड़ा हिस्सा स्टॉक है जो इस बात पर निर्भर करता है कि S एंड P 100 index में दूसरी कंपनियों के मुकाबले अल्फाबेट स्टॉक पर क्या रिटर्न मिलता है. बता दें, सुंदर पिचाई को साल 2018 में कुल 19 लाख डॉलर (135 करोड़ रुपये) के वेतन-भत्ते मिले थे. इसमें 6.5 लाख डॉलर (4.6 करोड़ रुपये) बेसिक सैलरी थी. पिचाई को पिछले साल ही गूगल के सीईओ से प्रमोट कर अल्फाबेट का सीईओ बनाया गया था.

सुंदर पिचाई ने लंबे समय से बतौर गूगल में बतौर कर्मचारी काम किया. गूगल के पॉपुलर ब्राउजर क्रोम और गूगल एंड्रायड टीम के लीडर के तौर पर काम किया है. सुंदर पिचाई ने गूगल के कुछ और लोकप्रिय उत्पाद जीमेल, और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर भी काम किया है. वह 2015 से गूगल के सीईओ पद पर काबिज हैं. गूगल की शुरुआत 1997 में हुई थी, जिसके बाद से इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी की दुनिया में बदलाव हो गया.

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