डॉक्टर आईसीएमआर की गाइडलाइंस फॉलो करते रहे और मरीज ने दम तोड़ दिया!

उधर इस मामले पर केजीएमयू के मीडिया प्रभारी डॉक्टर संदीप तिवारी ने मीडिया से कहा कि इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च( आईसीएमआर) की गाइडलाइंस में ऑपरेशन से पहले गंभीर मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य की गई है.

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डॉक्टर , फोटो: अनस्प्लाश

नई दिल्ली: आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार, ऑपरेशन से पहले कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट अनिवार्य है. केजीएमयू लखनऊ में गंभीर रूप से घायल एक युवक की जांच रिपोर्ट आने तक उसका ऑपरेशन नहीं किया जा सका और इस कारण एक युवक की जान चली गई. उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला हुआ था. गंभीर रूप से घायल होने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से उसे लखनऊ रेफर किया गया था.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मृत युवक के भाई का आरोप है कि केजीएमयू लखनऊ में कोरोना जांच कराई गई और रिपोर्ट के इंतजार में 15 घंटे तक ऑपरेशन ही नहीं हो सका जिससे उसके भाई की मौत हो गई. मृतक के भाई ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ऐसे गंभीर मरीजों के लिए किसी जांच की औपचारिकता पूरी किए बिना ही इलाज दिलाने की गुहार लगाई है.

गोरखपुर के राजघाट इलाके के चकरा गांव के प्रदीप के मुताबिक 19 मई को मारपीट में उनके भाई सामंत कुमार के सिर पर चोट आई थी. भाई के इलाज के लिए जिला अस्पताल फिर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. 20 मई को सुबह उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया. बताया गया कि न्यूरो सर्जन नहीं होने से ऑपरेशन नहीं हो सकता है. भाई को शाम 6:30 बजे केजीएमयू में भर्ती कराया गया. जहां कोरोना जांच हुई पर रिपोर्ट आने तक डॉक्टरों ने ऑपरेशन से मना कर दिया. अगले दिन सुबह 10:00 बजे तबीयत बिगड़ने लगी और करीब 11:00 बजे मौत हो गई. उन्होंने पत्र के माध्यम से गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार की मांग करते हुए कहा है कि इस तरह के मामलों में जांच रिपोर्ट जल्दी आनी चाहिए ताकि इलाज या फिर ऑपरेशन के अभाव में किसी की जान न जा सके.

उधर इस मामले पर केजीएमयू के मीडिया प्रभारी डॉक्टर संदीप तिवारी ने मीडिया से कहा कि इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च( आईसीएमआर) की गाइडलाइंस में ऑपरेशन से पहले गंभीर मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य की गई है. इसी लिहाज से चिकित्सकों ने जांच कराई.

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