AJAY KUMAR
NEW DELHI: बीजेपी की इतनी बड़ी जीत के सूत्रधार रहे केशव प्रसाद मौर्य को जब उत्तर प्रदेश में पार्टी की कमान सौपी गयी थी तब मीडिया चैनलों सहित बहुत से राजनैतिक जानकारों ने केशव को कम अनुभवी व्यक्ति कहकर केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाया था. लेकिन आज की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के फैसले को केशव प्रसाद ने एक दम सही साबित कर दिया और बीजेपी को यूपी में अबतक की सबसे बड़ी जीत दिला दी. जब केशव प्रसाद मौर्या प्रदेश अध्यक्ष बने थे तब कोई नहीं जनता था कि बड़े और ज्यादा अनुभवी नेताओं के रहते केशव प्रसाद मौर्य का कद इतना बढ़ जायेगा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के वो सबसे मजबूत दावेदार बन जायेंगे.
कौशाम्बी जिले के एक किसान परिवार में पैदा हुए केशव प्रसाद मौर्य अपने संघर्ष के दौर में अख़बार बेचते और अपने पिता के चाय की दुकान पर हाथ बंटाया करते थे. चाय की दुकान से ही केशव प्रसाद मौर्य का राजनैतिक जीवन शुरू हुआ. मौर्य इसी दौरान आरएसएस से जुड़े फिर बजरंग दल और विश्व हिनू परिषद से जुड़े. अपनी कार्यकुशलता से केशव प्रसाद मौर्य ने विश्व हिन्दू परिषद के अशोक सिंघल को काफी प्रभावित किया और उनके सबसे नजदीकी बन गए.
केशव प्रसाद मौर्य के राजनैतिक कैरियर की बात करें तो 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्हें इलाहबाद की शहर पश्चिमी विधानसभा से हार का मुह देखना पड़ा था. दो बार की हार के बाद केशव प्रसाद मौर्य 2012 के विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा से बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा दो साल विधायक रहने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव ने पहली बार देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सीट रही फूलपुर में कमल खिलाया. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अब मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार तक केशव प्रसाद का कद लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह ही अपने बचपन में भले ही चाय बेचीं हो पर अब केशव प्रसाद करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. केशव प्रसाद इस समय पेट्रोल पम्प, हॉस्पिटल, कामधेनु लाजिस्टिक आदि के मालिक हैं. केशव प्रसाद मौर्य इस चुनाव में बीजेपी यूपी के सबसे बड़े ओबीसी चहरे के रूप में उभरें हैं. केशव प्रसाद मौर्य के समर्थक ये उम्मीद लगाये बैठे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह ही यूपी में भी एक चाय वाला ही गद्दी पर बैठे.